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त्र्यंबकेश्वर नारायण नागबली पूजा, लाभ | क्यों करनी चाहिए नारायण बलि पूजा।

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त्र्यंबकेश्वर नारायण नागबली पूजा, लाभ | क्यों करनी चाहिए नारायण बलि पूजा।

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Presentation Transcript


  1. 1. त्र्यंबकेश्वर मंदिर नारायण नागबलिपूजा

  2. 2. नारायण नागबलीपरिचय त्र्यंबकेश्वर मंदिर विभिन्न पूजा और अनुष्ठान जैसे नारायण नागबली, त्रिपिंडी श्राद्ध, महामृत्युंजय जाप, कालसर्प पूजा आदी, करने के लिए सबसे पवित्र मन जाता है। त्र्यंबकेश्वर मंदिर यह १२ ज्योतिर्लिंगो में से एक है, इसीलिए यह सबसे धार्मिक स्थान है कोई भी पूजा या अनुष्ठान करने के लिए। नारायण नागबली पूजा यह एक वैदिक अनुष्ठान है जो ३ दिन की विधी है, नारायण नाग्बली पूजा में कुल २ प्रकार की अलग अनुष्ठाने है। पितृ दोष या पितृ शाप को मिटाने के लिए ( पूर्वजो के असंतुष्ट इच्छाओ को पूरा करने के लिए) नारायण बली पूजा करते है, तथा साँप को मारने के पाप से छुटकारा पाने के लिए नागबली पूजा की जाती है। इस पूजा प्रक्रिया में, गेहूं के आटे से बने साँप के शरीर पर अंतिम संस्कार किया जाता है।

  3. 3. नारायण नागबली अनुष्ठान केवल त्र्यंबकेश्वर में ही क्यों किया जाता है? त्र्यंबकेश्वर महादेव मंदिर यह एक पवित्र स्थान है जहा विभिन्न पुजा करने से उनका फल जल्द ही प्राप्त होता है।त्र्यंबकेश्वर महादेव मंदिर की शिव लिंग त्रिदेवता ( भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु, भगवान महेश) को दर्शाती है। भगवान शिवा के साथ साथ मंदिर में, श्री रामा, केदारनाथ , देवी लक्ष्मी, नारायण, गंगा देवी, रामेश्वर, गौतमेश्वरा, परशुराम आदि की भी पूजा की जाती है। जिससे मंदिर में एक सकारत्मक ऊर्जा निर्माण होती है, और उपासक को सभी देवता के आशीर्वाद से कम समय में अधिक फल प्राप्त होता है। भागवत पुराण में उल्लेख किये गए समुद्र मंथन के नारायण नागबली अनुष्ठान कौन कर सकता है? अनुसार, यह कहा जाता है की, केवल भगवान शिव आत्मसमर्पण आत्माओं के पाप को मिटा सकते है, तो कोई भी अनुष्ठान जैसे नारायण नागबलि करने के लिए त्र्यंबकेश्वर स्थान अधिक उचित है। नारायण नागबली अनुष्ठान कौन कर सकता है? • कोई भी व्यक्ति (किसी भी जाति का) यह अनुष्ठान कर सकता है। • पारिवारिक खुशीके लिए, कोई विधुर भी यह अनुष्ठान कर सकते है। • संतान प्राप्ति के हेतु, पति और पत्नी भी नारायण नागबली जैसे पूजाए कर सकते है। • गर्भवती महिला को (केवल ५ महीने के गर्भवस्था तक) यह पुजा करने की अनुमति है। • कोई भी इस अनुष्ठान को करने के बाद, १ साल तक अपने घर में कोई मंगल कार्य नहीं कर सकता। • यदि माता- पिता में से कोई एक की मृत्यु हुई हो तो, १ वर्ष बाद नारायण नागबली अनुष्ठान त्र्यंबकेश्वर मंदिर में करने की अनुमती है।

  4. 4. नारायण नागबलीकरने की विधि नारायण नागबली पूजा विभिन्न समस्याओं को मिटाने के लिए की जाती है, जैसे कि भूत प्रेत बाध, व्यापार में विफलता, वित्तीय हानि, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं,शैक्षणिक समस्या, विवाह समस्याएं, आकस्मिक मौतें, अनावश्यक खर्च, और सभी प्रकार के शाप। नारायण नागबली पूजा की प्रक्रिया को पूरा होने में कुल तीन दिन का समय आवश्यक है। इस पूजा करने से बहुत सरे लाभ होते है जैसे अच्छा स्वास्थ्य, व्यवसाय और व्यापर में सफलता मिलेगी। यह नारायण नागबली पूजा को कुल ३ दिन का समय आवश्यक है और इसके पहले दिन, भक्त को पवित्र कुशावर्त कुंड (कुशावर्त तालाब) में स्नान करना होता है उसके बाद "दशदान" यानी, दस चीजों को दान में देने का संकल्प करना होता है। भगवान शिव की साधना करने के बाद, सभी भक्तो को नारायण नागबली पूजा करने के लिए धर्मशाला जाना होता है। नारायण नागबली पूजा दो दिनों तक गोदावरी और अहिल्या नदी के संगम के स्थान पर सम्पन्न होती है। सनातन धर्म में सभी पूजाए प्रथम संकल्प, न्यास और कलश पूजन से शुरू होती है। उसके बाद भगवान सूर्य, गणेश, और विष्णु का अनुष्ठान होता है। उसके बाद, पांच देवताओं, भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु, भगवान महेश, यम, और तत्पुरुष की पूजा होती है। फिर क्रमशः अग्नि स्थापना, पुरुषसूक्त हवन, एकादशी विष्णु श्राद्ध, पंचदेवता श्राद्ध बलीदान, पिंड दान, पराशर, और द्वादश कर्म किए जाते हैं। इस अनुष्ठान को करने के बाद, उपासक किसी को छू नहीं सकते यानि उन्हें एक दिन के लिए सूतक का पालन करना होता है।

  5. 5. नारायण नागबली पूजा के लाभ • चरम यात्रा की तुलना में पितृ सेवा (नारायण नागबली पूजा करना) अधिक लाभदायक माना गया है, जिससे पूर्वजो का आशीर्वाद प्राप्त होता है। • अच्छे स्वास्थ और सफलता पाने के लिए। • पूर्वजो के दिए गए शाप से मुक्ति पाने के लिए नारायण नागबली की जाती है।यह पूजा पितृ दोष को मिटाने के लिए की जाती है। • संतान प्राप्ति के लिए दम्पति को भी यह अनुष्ठान करना सुझाया जाता है। • दुःस्वप्न से राहत पाने के लिए भी यह पूजा की जाती है। पितृ दोष निवारण पूजा मूल्य: • पूजा का मूल्य पुरोहितो द्वारा सुझाया जायेगा,और पूरी तरह आवश्यक सामग्री पर निर्भर होगा। उपासक को लगने वाला खाना भी उसमे शामिल होगा। पूजा होने के बाद भक्तो द्वारा ब्राह्मण को दक्षिणा देना अनिवार्य है।

  6. 6. पूजा संबंधित महत्वपूर्ण बाते नारायण नागबली पूजा को करने में कुल ३ दिन की आवश्यकता है। हिन्दू शास्त्र के अनुसार, केवल पुरुष पिंड दान विधी कर सकता है। यजमान को पूजा के एक दिन पहले ही त्र्यंबकेश्वर मंदिर मे उपस्थित रहना चाहिए। पूजा शुरू होने के बाद भक्त त्र्यंबकेश्वर को छोड़ कर कही नहीं जा सकते, केवल पूजा ख़त्म होने के बाद तीसरे दिन वे कहीं और जा सकते है। पूजा के ३ दिनो में, पूजा करने वाले भक्त ब्राह्मणो द्वारा दिए गए सात्विक भोजन का ही सेवन कर सकते है। पूजा मे पुरुषो के लिए वस्त्र, सफ़ेद रंग की धोती, गमछा, रुमाल, और सफ़ेद रंग की सदी महिलाओ के लिए अनिवार्य है। पता: श्री गंगा गोदावरी मंदिर, पहली मंजिल कुशावर्त तीर्थ चौक , त्र्यंबकेश्वर - 422212 Contact Us:info@trimbakeshwar.com,  +919529981071 Website: www.trimbakeshwar.org

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