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u0939u093fu0902u0926u0942 u0927u0930u094du092e u092eu0947u0902 u0909u092au0935u093eu0938 (u0935u094du0930u0924) u0915u094b u0906u0924u094du092eu0936u0941u0926u094du0927u093f, u092eu0928 u0915u0940 u090fu0915u093eu0917u094du0930u0924u093e u0914u0930 u092du0917u0935u093eu0928 u0915u0940 u0915u0943u092au093e u092au094du0930u093eu092au094du0924 u0915u0930u0928u0947 u0915u093e u0938u0930u094du0935u094bu0924u094du0924u092e u0938u093eu0927u0928 u092eu093eu0928u093e u0917u092fu093e u0939u0948u0964 24 Ekadashi u092eu0947u0902 u0938u0947 u092au094du0930u0924u094du092fu0947u0915 u090fu0915 u0935u093fu0936u0947u0937 u0909u0926u094du0926u0947u0936u094du092f, u0906u0927u094du092fu093eu0924u094du092eu093fu0915 u092eu0939u0924u094du0935 u0914u0930 u092bu0932 u092au094du0930u0926u093eu0928 u0915u0930u0928u0947 u0935u093eu0932u0940 u092eu093eu0928u0940 u091cu093eu0924u0940 u0939u0948u0964 u0932u0947u0915u093fu0928 u0938u092cu0938u0947 u0938u0941u0902u0926u0930 u0924u0925u094du092f u092fu0939 u0939u0948 u0915u093f Ekadashi Vrat Katha u0915u0947u0935u0932 u090fu0915 u092au0930u0902u092au0930u093e u0928u0939u0940u0902, u092cu0932u094du0915u093f u0906u0927u094du092fu093eu0924u094du092eu093fu0915 u091cu093eu0917u0930u0923 u0915u093e u090fu0915 u0926u094du0935u093eu0930 u0939u0948u0964
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Ekadashi Vrat Katha: महत्व, उपवासववधिऔर पौराणिककथाकाविव्यरहस्य हह िं दूिमममेंउपवास (व्रत) कोआत्यशुद्धि, मनकीएकाग्रताऔरभगवानकीक ृ पाप्राप्तकरनेका सवोत्तमसािनमानागयाहै। 24 Ekadashi मेंसेप्रत्रेकएकववशेषउद्देश्य, आध्याधत्यकमहत्वऔरफल प्रिानकरनेवालीमानीजातीहै।लेवकनसबसेसु िं िरतथ्ययहहैवक Ekadashi Vrat Katha क े वलएक पर िं परानहीं, बणिआध्याधत्यकजागरिकाएकद्वारहै। एकािशी” शब्दस्वय िंबहुतरहस्यमयहै—“एकािशइ िं वियोंपरवनय िं त्रि”।जबमनुष्यअपनी 10 इ िं वियोंऔर मन (11वांतत्व) परववजयपालेताहै, तबवहपरमात्याक ेऔरवनकटपहु ुँ चताहै।इसीणलए Ekadashi
को“पापोंकानाशकरनेवालीधतधथ”, “ववष्णुवप्रयधतधथ”, और“मोक्षप्रिानकरनेवालीधतधथ” कहागया है। इसब्लॉगमेंहमववस्तारसेसमझेंगे— ●Ekadashi कामहत्व ●Ekadashi व्रतरखनेकीववधि ●पौराणिककथा (Ekadashi Vrat Katha) ●वैज्ञावनककारि ●लाभ ●साविावनयाँ ●और Ekadashi कोजीवनमेंक ै सेअपनाए ुँ Ekadashi कामहत्व (Importance of Ekadashi) Ekadashi व्रतकास िं ब िं िक े वलभोजनत्रागसेनहींहै, बणिमनकीपववत्रताऔरआधत्यकववकाससे है।ऐसामानाजाताहैवकइसधतधथकोभगवानववष्णुस्वय िंभक्तोंकीमनोकामनाए ुँपूरीकरतेहैं। प्रमुखमहत्व: शारीररकऔरमानससकशुद्धि व्रतरखनेसेशरीरमेंस िं धचतववषैलेतत्व (toxins) नष्ठहोतेहैंऔरमनहिामहसूसकरताहै। िार्ममकमहत्त्व भगवानववष्णुकीववशेषक ृ पाप्राप्तहोतीहै, औरपापोंकानाशहोताहै। आध्याधत्यकजागरि
Ekadashi व्रतमनकोएकाग्रकरताहैऔरध्यान-योगकोससद्िकरनेमेंसहायकहै। कममफलकाशुद्धिकरि शास्त्रोंक ेअनुसार Ekadashi क ेविनवकयागयािान, जप, पूजाऔरध्यानकईगुनाफलिेताहै। क ु लक ेवपतरोंकोशांधत Ekadashi परवकयागयापुण्यवपतरोंतकपहु ुँ चताहैऔरउन्हेंमोक्षकामागमवमलताहै। Ekadashi व्रतकीववधि (How to Observe Ekadashi Fast) Ekadashi व्रतकोप्रभावशालीबनानेक ेणलएशास्त्रोंमेंक ु छवनयमबताएगएहैं। व्रतरखनेसेएकदिनपहले (Dashami) ●साधत्त्वकभोजनकरें ●तामससकभोजनसेबचें ●क्रोि, आलस्यऔरअधिकबातेंकरनेसेबचें Ekadashi क ेदिन सुबहजल्दीस्नान ग िं गायातुलसीजलवमलाकरस्नानकरनाशुभमानाजाताहै। भगवानदवष्णुकीपूजा ●अक्षत ●िूप ●िीप
●तुलसीिल ●पीलीवमठाई ●पीलावस्त्र इनसेपूजाकरनेपरववशेषफलवमलताहै। व्रतकाप्रकारचुनें: ●वनजमलव्रत (सबसेश्रेष्ड) ●जल/फलोंपरव्रत ●एकसमयफलाहार ●साधत्त्वकभोजन (अनाजऔरनमकछोड़कर) अपनेस्वास्थ्यऔरसामथ्यमक ेअनुसारव्रतरखें। पूरेदिन ●ववष्णुम िं त्रजप ●हररनामस िं कीतमन ●भगवानकीकथा, पुराियागीतापाठ ●िान-पुण्य द्वािशीक ेदिनपारण अगलेविनसूयोियक ेबािव्रतखोलाजाताहै। तुलसीजलयाफलसेपारिश्रेष्डमानागयाहै। Ekadashi Vrat Katha (पौराणिककथा)
Ekadashi कीकथाअत्र िं तप्रेरिािायकहै।इसेसुननेमात्रसेहीपापनष्ठहोतेहैंऔरपुण्यप्राप्तहोताहै। कथा: पापरूपीमुड़औरएकािशीिेवीकाअवतार प्राचीनकालमेंअसुरोंकाएकअत्र िं तक्र ू रऔरअत्राचारीराजाथा—मुड़िानव।उसनेिेवताओिंको बहुतसतायाथाऔरपूरापृथ्वीलोकउसक ेअत्राचारसेव्यधथतथा।िेवताओिंनेभगवानववष्णुसे ववनतीकी। भगवानववष्णुनेयुद्िआर िं भवकया, पर िं तुमुड़अत्रधिकशवक्तशालीथा।युद्िकईविनोंतकचलता रहा।क ु छसमयबािभगवानववश्रामहेतुबिररकाश्रमकीएकगुफामेंप्रवेशगए।उन्हेंनींिमेंिेखकरमुड़ िानवनेउनपरहमलाकरनेकाप्रयासवकया। जैसेहीवहतलवारलेकरभगवानक ेपासपहु ुँ चा, भगवानववष्णुक ेशरीरसेएकविव्यशवक्तप्रकटहुई— वहएकअत्र िं ततेजस्वी, पववत्र, सु िं िरऔरऊजासेभरपूरिेवीथीं। उन्होंनेमुड़िानवसेयुद्िवकयाऔरउसेउसीसमयमारविया। भगवानववष्णुजागेऔरअत्र िं तप्रसन्नहुए। उन्होंनेिेवीसेकहा— हेिेवी! तुमनेमेरेभक्तोंऔरिेवताओिंकाउद्िारवकयाहै।इसणलएआजसेतुम‘एकािशी’ नामसे प्रससद्िहोगी।जोभीइसधतधथपरव्रतरखेगा, उसक ेसभीपापनष्ठहोंगेऔरवहमोक्षप्राप्तकरेगा। यहीकारिहैवक Ekadashi कोपापोंकानाशकरनेवालीऔरववष्णुवप्रयधतधथमानाजाताहै। Ekadashi व्रतक ेलाभ (Benefits of Ekadashi) Ekadashi व्रतक ेलाभआध्याधत्यकसेलेकरवैज्ञावनकतकसभीरूपोंमेंस्पष्ठहोतेहैं। आध्यात्मिकलाभ ●मोक्षकामागमप्रशस्त ●मनकीएकाग्रता
●सकारात्यकऊजाप्राप्त ●भगवानववष्णुकीक ृ पा धार्मिकलाभ ●पापोंकानाश ●क ु िं डलीमेंग्रहिोषशांधत ●क ु लक ेवपतरोंकोशांधत वैज्ञादनकलाभ ●वडटॉक्स ●पाचनत िं त्रकोआराम ●मानससकस्पष्ठतामेंवृद्धि ●कोलेस्ट्रॉलऔरब्लडशुगरवनय िं त्रि मानससकलाभ ●मनशांतहोताहै ●चच िं ताऔरतनावकम ●सोनेकीगुिवत्ताबढ़तीहै Ekadashi व्रतमेंक्यानहींकरनाचावहए (Precautions) ●क्रोि, झूठऔरचुगलीनकरें ●तामससकभोजनवबि ु लनलें
●लहसुन-प्याजकासेवननकरें●लहसुन-प्याजकासेवननकरें ●अनाजनखाए ुँ (ववशेषकरहररशयनीऔरिेवउठनी Ekadashi में) ●ज्यािासोनाऔरआलस्य ●नकारात्यकस िं गधत Ekadashi व्रतक ेिौरानक्याकरें? हररनामकास्मरण “ॐनमोभगवतेवासुिेवाय” “श्रीदवष्णुसहस्रनाम” “गोवव िं िनाम” तुलसीपूजा तुलसीकास्पशमऔरिशमनभीसौभाग्यिायकहै। िान ●वस्त्र ●अन्न ●गौ-सेवा ●जरूरतम िं िोंकोभोजन शास्त्रपाठ गीता, भागवतपुराियाववष्णुपुरािकापाठसवोत्तमहै।
Ekadashi सेजुड़ीक ु छरोचकिारिाए ुँ Ekadashi मनोकामनापूणिकरतीहै कईभक्तमानतेहैंवकलगातार 11 Ekadashi करनेसेकोईभीइच्छापूिमहोतीहै। िांपत्यजीवनमेंशांत्मतलातीहै Ekadashi काव्रतिांपत्रमेंप्रेमऔरसस्ट्थरतालाताहै। क ु िं डलीिोषोंसेमुदि ववशेषकरराहु-क े तु, शवनिोषमेंलाभकारीमानागयाहै। कमिसुधारकाश्रेष्ठदिन इसविनकमोंकाफलकईगुनाबढ़जाताहै। क्योंहरआयुवगमक ेलोग Ekadashi करसकतेहैं? ●ववद्याथी: एकाग्रताबढ़तीहै ●गृहस्ट्थ: मनशांतऔरपररवारमेंसौहािम ●वृद्ि: स्वास्थ्यमेंसुिार ●सािक: ध्यान-योगमेंप्रगधत Ekadashi ऐसीधतधथहैजोसबक ेणलएअत्र िं तलाभकारीहै। आिुवनकजीवनमें Ekadashi कोक ै सेशावमलकरें? आजक ेव्यस्तजीवनमेंलोगआध्याधत्यकतासेदूरहोतेजारहेहैं, लेवकन Ekadashi व्रतबहुतसहजऔर सरलहै।इसेकरनेक ेणलएअधिकसमयकीआवश्यकतानहीं, क े वलमनकीइच्छाऔरश्रद्िाचावहए।
उपाय: ●मोबाइलपर Ekadashi ररमाइ िं डरसेटकरें ●पररवारक ेसाथपूजाकरें ●ऑनलाइनकथासुनें ●फलाहारघरमेंआसानीसेतैयाररखें ●वडसजटलवडटॉक्सभीकरें वनष्कषम (Conclusion) Ekadashi व्रतक े वलिार्ममकआस्ट्थानहीं, बणिमन, शरीरऔरआत्याकोस िं तुणलतकरनेकाविव्य मागमहै।यहव्रतपापोंकानाशकरताहै, मानससकशांधतिेताहैऔरभगवानववष्णुकीक ृ पाको आकर्षमतकरताहै।इसकीपौराणिककथाहमेंिमम, स िं यमऔरआधत्यकववकासकास िं िेशिेतीहै। ऐसेपववत्रव्रतोंऔरकथाओिंकामहत्वआजक ेसमयमेंऔरभीबढ़जाताहै।यहीकारिहैवकShri Pritam Dham Trustलगातारप्रयासरतहैवकभक्तोंतकसहीआध्याधत्यकज्ञान, पौराणिककथाए ुँ औरिममसेजुड़ीउपयोगीजानकारीसरलवसहजरूपमेंपहु ुँ चसक े । हमारीयहीभावनाहैवकप्रत्रेकभक्त Ekadashi व्रतक ेइसविव्यमागमसेजुड़करजीवनमेंशांधत, समृद्धिऔरसुखप्राप्तकरे। Read more - https://phtee.com/read-blog/1837 Address 11/17, गलीन िं . 5, रशीिमाक े ट, क ृ ष्णानगर, विल्ली-110051 Contact – Email 9654786003 shripritamdhamtrust@gmail.com