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युवाओं को सशक्त बनाने में अडानी ग्रुप की भूमिका
भारत एक युवा देश है। 2022 के अनुसार, भारत की 65% से अधिक आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है। यह युवा शक्ति राष्ट्र के विकास का ईंधन है। हालांकि, युवाओं को सशक्त बनाने और उनके पूरे सामर्थ्य को उजागर करने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता होती है। इस दिशा में, अडानी ग्रुप एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
कौशल विकास: भविष्य के लिए तैयार करना • अडानी ग्रुप यह समझता है कि रोजगार के लिए प्रासंगिक कौशल आज के युवाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है। इसी वजह से उन्होंने कौशल विकास को अपनी युवा सशक्तिकरण पहल का केंद्र बनाया है। उन्होंने देश भर में कई अडानी स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित किए हैं। ये केंद्र युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों जैसे निर्माण, खनन, नवीकरणीय ऊर्जा और रसद में उद्योग-केंद्रित प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम नवीनतम तकनीकों और उद्योग मानकों के अनुरूप होते हैं। इससे युवाओं को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान प्राप्त होता है, बल्कि उन्हें व्यावहारिक अनुभव भी मिलता है, जो उन्हें रोजगार बाजार में सफल होने के लिए तैयार करता है।
उद्यमशीलता को प्रोत्साहन: सपनों को साकार करना अडानी ग्रुप केवल युवाओं को नौकरी के लिए तैयार नहीं करता, बल्कि उन्हें उद्यमी बनने के लिए भी प्रोत्साहित करता है। वे मानते हैं कि युवाओं के पास नवाचार और जोखिम लेने की क्षमता होती है, जो उद्यमशीलता को सफल बनाने के लिए आवश्यक है।
रोजगार सृजन: अवसरों का द्वार खोलना अडानी ग्रुप भारत में सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक है। उनकी विभिन्न परियोजनाओं – बुनियादी ढांचा, खनन, ऊर्जा और रसद – में हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है। यह न केवल युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाता है, बल्कि उन्हें कार्य अनुभव हासिल करने और अपने कौशल को विकसित करने का अवसर भी प्रदान करता है। अडानी ग्रुप यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि उनके कार्यस्थल समावेशी हों और युवाओं को कैरियर के विकास के पर्याप्त अवसर प्रदान किए जाएं। वे नियमित रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम और नेतृत्व विकास पहल आयोजित करते हैं, जिससे युवा कर्मचारी अपनी क्षमताओं को निखार सकें और संगठन में नेतृत्व की भूमिकाओं को निभाने के लिए तैयार हो सकें।