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मध्य प्रदेश के गठन से अब तक के विधानसभाध्यक्ष

यह संस्करण पूज्य पिताश्री स्व . एम . एल . नगेले को समर्पित है।. प्रस्तुति-. मध्य प्रदेश के गठन से अब तक के विधानसभाध्यक्ष. चतुर्थ इंटरनेट एवं सीडी संस्करण 2009 लेखक : सरमन नगेले प्रस्तुति : एम . पी . पोस्ट इंटरनेट समाचार एवं विचार सेवा ,

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मध्य प्रदेश के गठन से अब तक के विधानसभाध्यक्ष

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Presentation Transcript


  1. यह संस्करण पूज्य पिताश्री स्व. एम.एल. नगेले को समर्पित है। प्रस्तुति- मध्य प्रदेश के गठन से अब तक के विधानसभाध्यक्ष चतुर्थ इंटरनेट एवं सीडी संस्करण 2009 लेखक : सरमन नगेले प्रस्तुति : एम.पी.पोस्ट इंटरनेट समाचार एवं विचार सेवा, सर्वाधिकार : श्रीमती सुनीता नगेले,एफ-45/2, साउथ टी.टी..नगर भोपाल म.प्र. दूरभाष -2779562 वेबसाइट : www.mppost.org www.mppost.com ई - मेल : mppostnewsviews@gmail.com mppostnewsviews@yahoo.co.uk

  2. दो शब्द श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला • इस संदर्भ ग्रंथ में एक नवंबर 1956 से अब तक के मध्यप्रदेश के विधानसभाध्यक्षों का जीवन परिचय, सामाजिक, राजनैतिक, पारिवारिक पृष्ठ भूमि एवं अभिरूचियों का समावेश है। • एक ही स्थान पर मध्यप्रदेश के विधानसाध्यक्ष का सम्पूर्ण परिचय आप हमारी वेबसाइट www.mppost.orgएवंwww.mppost.comके अलावा सीडी संस्करण में पाएगें। संदर्भ सामग्री में राज्य के प्रथम विधानसभाध्यक्ष पंडित श्री कुंजीलाल दुबे से लेकर श्री ईश्वरदास रोहाणी का विधानसभा में दिया गया प्रथम उद्बोधन एवं सदन में आसंदी से दी गई प्रमुख व्यवस्थाओं के मुख्य अंशों को संजोया गया है। • संपादक • सरमन नगेले श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  3. भूमिका श्रीपं. कुंजीलाल दुबे विधायिका प्रजातंत्र का एक महत्वपूर्ण आधार स्तम्भ है और इसे पृथकतः संवैधानिक संस्था का अस्तित्व प्राप्त है। संवैधानिक प्रमुख होने के नाते संसद और विधानसभा के अध्यक्षों को भी हमारे प्रजातंत्र में अत्यंत गरिमापूर्ण स्थान प्रदत्त किया गया है। यही कारण है कि पीठासीन अधिकारियों द्वारा समय-समय पर संसद और विधानसभाओं में दी गई व्यवस्थाएं न केवल नियमों और स्वस्थ परम्पराओं का रूप लेती है, बल्कि व्यवहारिक तौर पर इनके परिपालन से प्रजातांत्रिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में भी सहायता मिलती है। संसदीय ज्ञान में रूचि रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए उपयोगी और ज्ञानवर्धक सिद्ध होगी। श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  4. मध्य प्रदेश विधानसभा के अब तक के अध्यक्ष श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  5. पं. श्री कुंजीलाल दुबे प्रथम (1956-57), द्वितीय (1957-62) एवं तृतीय (1962-67) विधानसभाध्यक्ष श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला जन्म तिथि - 19.03.1896 जन्म स्थान-आमगांव ग्राम, जिला नरसिंहपुर वैवाहिक स्थिति - विवाहित पत्नी का नाम-श्रीमती ललिताबाई संतान - 3 पुत्र, 3 पुत्रियां शैक्षणिक योग्यता - बी.ए., एल.एल.बी. सार्वजनिक एवं राजनैतिक जीवन का संक्षिप्त विकास क्रम : आरम्भ से ही दुबे जी ने हिन्दू धर्म, संस्कृति, दर्शन और हिन्दू समाज के अभ्युत्थान में रूचि ली। सनातन धर्म में अपनी गहरी आस्था के कारण कुछ वर्ष पूज्य पं. मदन मोहन मालवीय जी के मार्गदर्शन में काम किया। सन् 1935 में हितकारिणी विधि महाविद्यालय में आचार्य नियुक्त हुए। सन् 1937 में आपने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। अपने प्रखर व्यक्तित्व के कारण आप शीघ्र ही कांग्रेस के प्रमुख कार्यकर्ताओं में गिने जाने लगे। श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  6. सन् 1939 में आप अखिल भारतीय कांग्रेस के प्रसिद्ध ऐतिहासिक त्रिपुरी अधिवेशन के लिये गठित स्वागत समिति के सचिव बनाये गये। इस कांग्रेस अधिवेशन की व्यवस्था बड़ी सफलता पूर्वक हुई, जिसका बहुत कुछ श्रेय पंडित जी को था। जनवरी 1941 में व्यक्तिगत सत्याग्रह के लिये महात्मा गांधी ने आह्नान किया था। अधिवेशन समाप्ति के बाद जब वे रेल से जबलपुर आ रहे थे तो उन्हें शहपुरा के स्टेशन मास्टर ने मेल को रूकवाकर रेल में ही बन्दी बना लिया और इस तरह वे फिर से जेल में बन्द रहे। जेल से छूटने के बाद प्रथम विधान सभा के चुनाव में जबलपुर से निर्विरोध चुने गये। 2 अक्टूबर 1946 के मंत्रिमंडल में वे मुख्य संसदीय सचिव बनाये गये। 1946 में वे नागपुर विश्वविद्यालय के उप कुलपति चुने गये। वे नागपुर विश्वविद्यालय के लगातार 3 बार उप कुलपति चुने गये। सन् 1947 में उन्होंने मुख्य संसदीय सचिव के पद से त्याग-पत्र दे दिया और सम्पूर्ण समय उन्होंने विश्व विद्यालय में लगाना आरम्भ किया। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  7. सन् 1950 में इन्टर-युनिवर्सिटी बोर्ड भारत, बर्मा और श्रीलंका की बैठक में उन्हें अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। वे लगातार 3 वर्ष इन्टर-युनिवर्सिटी बोर्ड के अध्यक्ष रहे। सन् 1952 के चुनाव के पश्चात् वे विधान सभा के अध्यक्ष चुने गये। सन् 1953 और 1954 में कैम्ब्रिज और किंग्सट के अधिवेशनों में इन्टर-युनिवर्सिटी बोर्ड का प्रतिनिधित्व सफलता के साथ किया। नागपुर विश्वविद्यालय में पंडित जी ने हिन्दी और मराठी को उचित स्थान दिलाने में बहुत महत्वपूर्ण कार्य किया। यह बिलकुल नवीन और साहसिक कदम था। उस समय ठाकुर छेदीलाल और रघुनाथ सिंह के बाद वे डिक्टेटर बनाये गये और इस संबंध से उन्होंने पूरे प्रान्त का दौरा कर सत्याग्रहियों की सूची के संबंध में महात्मा गांधी से मिले। जब गांधी जी ने पंडित जी द्वारा प्रस्तुत सूची को स्वीकार कर लिया तब उसे सरकार को सूचित किया गया और वे सत्याग्रह के लिये अग्रसर हुए। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  8. परन्तु सत्याग्रह करने के पहले उन्हें पुलिस ने घर पर ही हिरासत में ले लिया। इसके लिये उन्हें 6 महीने की सजा दी गई। जेल से छूटकर कांग्रेस के कार्य में रत रहे और 1942 में बम्बई के प्रसिद्ध अधिवेशन में वे 8 अगस्त को शामिल हुए। आपके प्रयत्नों से अंग्रेजी भाषा के उच्च कोटि के ग्रंथों का हिन्दी में अनुवाद हुआ और हिन्दी में मौलिक ग्रन्थ भी लिखे गये। इनमें से अधिकांश ग्रन्थ विज्ञान संकाय विषयों से संबंधित थे। इन ग्रन्थों में से 42 ग्रन्थ सन् 1950 में प्रकाशित हुए और 75 ग्रन्थ और तैयार किये गये। यह उन महानुभावों के लिये करारा जबाब है जो आज भी कहते है कि विज्ञान और तकनीकी विषयों में हिन्दी माध्यम से अध्ययन-अध्यापन संभव नहीं है। आप राज्य पुनर्गठन के कारण 1 नवम्बर, 1956 को नवगठित मध्यप्रदेश में विधान सभा के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। सन् 1957 में जबलपुर क्षेत्र से चुने जाने के पश्चात् वे फिर विधान सभा के अध्यक्ष र्वाचित हुए। सन् 1956 में जबलपुर विश्वविद्यालय विधेयक पारित हुआ और वे जबलपुर विश्वविद्यालय के फाउन्डर वाइस चान्सलर रहे। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  9. जबलपुर विश्वविद्यालय का निर्माण आपके कार्यकाल में बड़ी सफलता से हुआ और उनका यह कार्यकाल 11 वर्ष तक चला। हिन्दी जगत में भी पंडित जी की सेवायें अमर रहेंगी। नागपुर विश्वविद्यालय के उप कुलपति होने के नाते आपने अनेक मौलिक ग्रन्थों की रचना मातृभाषा हिन्दी और मराठी में कराई। इसके अतिरिक्त अनेक महत्वपूर्ण प्रकाशनों का अनुवाद भी कराया। मध्यप्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष होने के नाते भी आपने हिन्दी को प्रतिष्ठित स्थान दिलाने में बड़ा महत्वपूर्ण कार्य किया। सन् 1959 में इन्हीं सेवाओं के उपलक्ष्य में आप मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। आपके अध्यक्ष काल की सेवाओं को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। आपके व्यक्तिगत आग्रह पर इस सम्मेलन के अधिवेशन के उद्घाटन हेतु स्व. पं. जवाहरलाल नेहरू पधारे थे। सन् 1967 के आम चुनाव में पुनः जबलपुर से चुने जाने के बाद पं. द्वारकाप्रसाद मिश्र के मंत्रिमंडल में वे वित्त मंत्री बनाये गये। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  10. श्री श्यामाचरण शुक्ल के मंत्रि-मंडल में भी वे वित्त मंत्री रहे। आपकी सर्वतोन्मुखी सेवाओं के लिये आपको सन् 1964 में भारत के राष्ट्रपति ने ‘पद्मभूषण‘ की उपाधि से विभूषित किया। विद्या और ज्ञान के क्षेत्र में की गयी सेवाओं औरउपलब्धियों के लिये आपको सन् 1965 में एल-एल. डी. की उपाधि से विभूषित किया गया। विक्रम विश्वविद्यालय ने 1967 में आपको डी. लिट. की उपाधि प्रदान की। दिनांक 2 जून 1970 को आपका स्वर्गवास हो गया। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  11. म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन माननीय सदस्यण, आज का दिवस हमारे राज्य में बड़े महत्व, गौरव और उल्लास का है। भारत के हृदय भाग की जनता के प्रतिनिधिगण अपने अपने विभागों का प्रतिनिधित्व नवीन मध्यप्रदेश में विलीन कर उसकी सृष्टि और पुष्टि करने के लिये आज पहली बार इस संसद में एकत्रित हुए है। इस नृत्य प्रदेश की भव्य भूमि में भिन्न भिन्न युगों की भिन्न भिन्न संस्कृतियां खेल करती रही हैं। इसके अतोत का गौरव भारत का गौरव रहा है और मुझे पूर्ण विश्वास है, और आप सबको भी विश्वास है ऐसा मैं मानता हूँ, कि इसके भविष्य का गौरव भारत का गौरव बनेगा। इस मंगल अवसर पर आप सब ने मध्यभारत, विन्ध्यप्रदेश, भोपाल और अवशिष्ट मध्यप्रदेश के सब प्रतिनिधियों ने एक मत से इस गौरवशाली संस्था का अध्यक्ष चुनकर मुझे जो गौरव प्रदान किया है, उसको मैं नतमस्तक होकर साभार ग्रहण करता हूँ। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  12. मेरे लिये इस गुरूभार का वहन कर सकना आप सबके प्रत्येक दल और प्रत्येक माननीय सभासद के सहयोग, सद्भावना और सहृदयता के ऊपर सर्वथा आश्रित है, यह मैं भली भांति जानता हूँ कि ये सब सद् वस्तुएं मुझे आपसे प्रचुर मात्रा में मिलती रहेगी। मुझे इस बात में सन्तोष है कि इस विधानसभा के मौनी अध्यक्ष की जिम्मेदारियों की अपेक्षा इस सदन ने अन्य सदस्यों की जिम्मेदारी गुरूतर हैं। राज्य के कल्याण के लिये नये कानून बनाना, उसके आयव्ययक की समीक्षा करना इत्यादि, अन्य विधानसभाओं की तरह तो आपका वैधानिक कर्तव्य है ही, पर इस नवीन मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक और भौगोलिक गौरव ने आपकी इस जिम्मेदारी की गुरूता को और भी अधिक बढ़ा दिया है। मध्यभारत, भोपाल, मालव, बुन्देलखण्ड, बघेलखण्ड और महाकौशल की संस्कृति और सम्पत्ति आज हम सब लोगों की सम्मिलित सम्पत्ति और संस्कृति है। हमउ न लोगों के उत्तराधिकारी हैं। कालिदास, नवभूति, राजा भोज के अन्य नवरत्नों से यह प्रदेश देदीप्यमान है। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  13. केशव और बिहारी, पद्माकर और रघुराज की काव्य माधुरी से हमारी हिन्दी मधुर बनी है। भोपाल, बैजू, तानसेन और ग्वालियर नरेश मानसिंह इनकी राग-रागनियों से हमारे नगर और कानन आज भी गूंजित और झंकृत हो रहे हैं। हमारे शिल्प और स्थापत्य के स्थल त्रिपुरी और महिष्मती, रत्नपुर और श्रीपुर, खजुराहों और मन्दसौर, ग्वालियर और मदन महल आज विश्व के कौतुक की वस्तुएं हैं। हमारी पुण्य भूमि सांची, जहां लिखित इतिहास में प्रथम बार विश्व प्रेम की दीप-शिखा जलाई गई थी और जिसने उस समय सारे जगत को आलोकित किया था वह आज विश्व का एक तीर्थ स्थान बन गई है। हम सबको, अपने उस अतीत गौरव के अनुरूप इस प्रदेश को बनाना है। हमें अपने देश के भविष्य गौरव के अनुरूप ही इस प्रदेश को बनाना है। इस नवीन प्रदेश की प्रकृति हमारे ऊपर आशीर्वाद बरसा रही है। वह रत्नगर्भा है। हम, आप, सब अच्छी तरह जानते हैं कि यदि यहां की खनिज, वनज और कृषिज सम्पत्ति को हम ऊपर लाकर उसे इस देश की जनता के लिये लाभदायक बना सकें तो हमारे प्रदेश की जनता का जीवन स्तर ऊंचा उठ जायेगा। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  14. श्रद्धेय शुक्ल जी के प्रयत्न से इस्पात का एक बड़ा कारखाना तो यहां खुल ही रहा है। मैंने यह भी पढ़ा है कि हमारे सप्त सिन्धु प्रदेश की नर्मदा के माध्यम से गंगा और गोदावरी को पावन जलधाराओं को सम्मिलित करने की योजना भी केन्द्रीय सरकार द्वारा बनाई जा रही है। इस भगीरथ प्रयत्न के सफल होने पर हमारे प्रदेश की श्री और भी निखर उठेगी। मुझे विश्वास है कि हमारे सारे कार्य एकमात्र मध्यप्रदेश की कल्याण भावना से अनुप्राणित होंगे। अभी कुछ माननीय सदस्यों ने यह बात कही है कि मेरे ऊपर शासकीय पक्ष का जोर आवेगा। मैं उन माननीय सदस्यों को यह बताना चाहता हूँ कि कांग्रेस पक्ष क जो श्रद्धेय नेता हैं वह इस बात पर पूर्ण विश्वास करते हैं कि अध्यक्ष के अधिकार और उसकी स्वतंत्रता को आदर के साथ देखा जाना चाहिये। मैं आपकों यह बताना चाहता हूँ कि मेरे पांच वर्ष के कार्यकाल में एक बार भी ऐसा मौका नहीं आया है कि जब मेरे ऊपर किसी तरह का दवाब डाला गया हो। यदि ऐसा हुआ होता तो मैं माननीय सदस्यों से कहना चाहता हूँ कि तब मैं इस पद पर बैठने के योग्य न रहता। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  15. मैं आपको यह इतमीनान दिलाता हूं कि जिस समय मैं इस कुर्सी पर आकर बैठता हूँ तब में प्रत्येक सदस्य को सदस्य के रूप में ही देखता हूँ। वे किस पक्ष के हैं इससे मुझे कोई मतलब नहीं। दूसरी जो बात कही गई उसके जवाब में मैं यह कहना चाहता हूँ कि कांग्रेस ने विधानसभाओं के सभी अध्यक्षों को यह आदेश दिया है कि वे सक्रिय राजनीति में भाग न लेवें और मैं समझता हूँ कि इस सदन में बैठा हुआ एक भी माननीय सदस्य यह न कह सकेगा कि आज तक मैंने अपने कार्यकाल में , जबसे मुझे ऐसे आदेश मिले हैं तब से, राजनीति में कोई सक्रिय भाग लिया है। मैं इस बात को मानता हूँ कि अध्यक्ष का यह कर्त्तव्य है कि शुद्ध परम्परायें कायम करने के लिये वह बिलकुल स्वतंत्र रीति से अपनी व्यवस्थायें दे और मैं सदा सद्विवेक बुद्धि से ऐसा ही करता आया हूँ। एक बार फिर से आप माननीय सदस्यों ने जो विश्वासभाजन मुझे बनाया है और जो गौरव प्रदान किया है उसके लिये मैं हृदय से आप सबको धन्यवाद देता हूँ और परमात्मा से प्रार्थना करता हूँ कि जो विश्वास आपने मुझमें रखा है उसके योग्य मैं साबित होऊँ। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  16. म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन पंडित श्री कुंजीलाल दुबे माननीय सदस्यगण, विशाल मध्यप्रदेश के माननीय सभासदों ने मुझे एक मत से इस प्रदेश की इस गौरवशाली संस्था का अध्यक्ष चुनकर जो गौरव प्रदान किया है, उसे मैं उनके प्रति आभार और कृतज्ञता प्रकट करते हुए नत-मस्तक होकर ग्रहण करता हूँ । मैं यह जानता हूँ कि इस गुरूतर भार को वहन करने के लिये मुझे आपका सहायोग और सद्भावना मिलती रहेगी तभी मैं इस भार को वहन करने में समर्थ हो सकूंगा। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यहां पर एकत्रित माननीय सदस्य केवल एक ही भावना से प्रेरित होते है और वह है इस प्रदेश की गरीबी व बेकारी को दूर करना, इस प्रदेश की जनता को सुखी और समृद्धशाली बनाना। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  17. यह हमारा मुख्य ध्येय है। इस ध्येय को प्राप्त करने के लिये जनतंत्र प्रणाली एक साधन है और इस साधन के मुख्य अंग हैं संसद और विधानसभायें। इसलिये जब हम विधानसभा को अधिक से अधिक कार्यसक्षम बनाने में सफल हो सकेंगे तभी हम जनतंत्र प्रणाली को सफल कर सकेंगे और अपने ध्येय के अधिक निकट पहुंच सकेंगे। अभी कुछ माननीय सदस्यों ने मेरे संबंध में जो प्रशंसात्मक शब्द कहें इसका कारण मैं उनका अपने प्रति स्नेह ही मानता हूँ क्योंकि अपनी त्रुटियों को जानता हूँ और उनकी सहृदयता को भी पहचानता हूँ जिससे प्रेरित होकर वे सदैव मुझे अपना सहयोग देते आये है। माननीय मुख्यमंत्री जी ने जो मेरे प्रति उद्गार प्रगट किये, उनके लिये मैं उनका अत्यंत कृतज्ञ हूँ। उन्होंने इस विशाल सदन के नेता के रूप में जो विचार रखे उन्हें सुनकर मुझे प्रसन्नता हुई और उनके गौरव का ज्ञान हुआ। कांग्रेस पक्ष के जिन माननीय सदस्यों ने मेरे अभिनन्दन के रूप में जो विचार व्यक्त किये हैं। यह दर्शाते थे कि कांग्रेस पार्टी का राजनैतिक स्तर कितना उच्च है और कि कितने धरातल से वे बात कर रहे थे। निर्भीकता और विनम्रता के साथ किसी भी बात को कहना सदन के प्रत्येक सदस्य का अधिकार है। प्रजासमाजवादी पार्टी, समाजवादी पार्टी, जनसंघ, हिन्दूसभा और साम्यवादी दल की ओर से मेरी तारीफ में जो बातें कही गई, मैं उनके लिये इन सारे दलों का हृदय से अत्यंत अनुग्रहीत हूँ। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  18. अभी एक माननीय सदस्य ने यह आशा व्यक्त की कि अध्यक्ष पद के चुनाव में यदि कोई संघर्ष न हो तो एक सुन्दर और स्वस्थ परम्परा कायम हो जाए। इस विषय में मैं माननीय सदस्यों को यह कहना चाहता हूँ कि कांग्रेस पार्टी केवल यहां की ही नहीं वरय् सारे भारतवर्ष को यह चाहती है, परन्तु केवल वह पार्टी तो इस परम्परा को कायम नहीं कर सकती। इस परम्परा को कायम करने के लिये उसके साथ और दूसरी पार्टियों का सहयोग भी होना चाहिये। मैं यह भलीभांति जानता हूँ कि अध्यक्ष के प्रति आदर प्रकट करना, यहां बैठने वाले के व्यवहार और आचरण के ऊपर अवलम्बित है। अभी एक माननीय सदस्य ने कहा कि यह जनतंत्र अभी शैशव अवस्था में है और इसे हमें पल्लवित और पुष्पित करना है। उनकी इस आकांक्षा से हम सभी सहमत है। उनकी हम इस आकांक्षा से भी सहमत है कि इस सदन का कार्य इतनी उच्च कोटि का हो कि संसदीय जनतंत्र प्रणाली के लिये यह सदन एक उदाहरण बन जाय। विरोधी पक्ष के सदस्यों की संख्या जैसा कि उनके द्वारा कहा गया, भले ही कम हो उनका उत्तरदायित्व का बड़ा और महत्व का है। उनके कार्य और उनके विचार और इन्हें प्रदर्शित और व्यक्त करने के ढ़ंग, उनके गंभीर अध्ययन के द्योतक हैं और उनके व्यक्तित्व को प्रकाशित करते हैं। मैं जानता हूँ कि यहां पर जो माननीय सदस्य उपस्थित हैं, वे अपने उत्तरदायित्व को समझते हैं और मुझे खुशी है यह कहने में कि जो मैंने अभी तक उनकी कार्यवाहियां देखी हैं वे बड़ी उच्चतर कोटि का हैं। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  19. कुछ और बातें जो इस समय कही गई है उनके संबंध में मेरा चुप रहना ही उचित होगा। अन्त में मैं यह कहना चाहता हूँ कि हमारी एक प्राचीन परम्परा है, जिसके अनुसार हमारे पूर्वज जब देशहित के लिये कोई श्रेष्ठ कार्य प्रारम्भ करते थे तो यह प्रार्थना करते थे कि देशहित में हमारे प्रयोजन एक हों। हमारे अन्तःकरण समान हों और हमारे मन एक हों और इस तरह संगठित होकर हम आगे बढ़े और राष्ट्र को समृद्धिशाली बनायें, हमारे बड़े पूर्वजों का कहना था- समानी व आकूतिः समानी हृदयानि वः। स्मान मस्तु वो मनो यथा वः सुसहासति।। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  20. म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन पंडित श्री कुंजीलाल दुबे माननीय सदस्यगण, आज आप सब माननीय सदस्यों ने विधान सभा के अध्यक्ष पद पर मुझे निर्वाचन कर जो विश्वास मेरे प्रति प्रकट किया है उसके लिये मैं किन शब्दों में आपके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करूं। इस सम्मान ने मुझे गद्गद् कर दिया। सदन के माननीय नेता, विरोधी पक्ष के माननीय नेताओं ने बधाई देते समय जो उद्गार मेरे प्रति प्रकट किये हैं। जो सम्मान मेरे प्रति व्यक्त किया है। उनसे मुझे प्रेरणा मिली, साहस मिला कि जो गुरूतर भार आपने मुझे सौंपा है। उसे मैं न्याय और निष्पक्ष रीति से निर्वहन कर सकूं। यह बिल्कुल सत्य बात है कि जनतंत्र में यह सदन पवित्र मंदिर है और इस पवित्र मंदिर में हमें उन परम्पराओं को कायम करना है जो सारे प्रदेश की जनता को अपना कत्र्तव्य करने में प्रेरणा दे सके। बड़ी आकांक्षाओं के साथ जनता ने हमें प्रतिनिधि बनाकर यहां भेजा है। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  21. परमात्मा करे हम सब मिल कर उनकी आकांक्षायें पूर्ण कर सकें। हम यहां ऐसे कार्य करें। जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश की जनता समृद्धशाली और खुशहाल बन सके। हमारे इस प्रदेश में अटूट संपत्ति भरी पड़ी है। यदि हम उचित रीति से उसका उपयोग करें तो प्रदेश की जनता खुशी, सुखी और समृद्धशाली बन सकेगी। अभी विरोधी पक्ष के एक नेता ने परम्पराओं के प्रश्न को उठाया। मैं उनसे बड़ी विनम्रता के साथ निवेदन करना चाहता हूँ कि मुझे आज दस वर्ष हो गये जबसे मैंने अध्यक्ष पद का भार संभाला है तब से मैंने कांग्रेस पक्ष की बैठका में भाग लेना बन्द कर दिया है। यह बात सदन के नेता जानते हैं। मैं अपने उत्तरदायित्व को समझता हूँ और सदन की सारी कार्यवाही निष्कर्ष और निर्दलीय रूप से करता हूँ। लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि मैं कांग्रेस पक्ष में नहीं हूँ। सदन के बाहर कांग्रेस पक्ष का सदस्य हूँ और कांग्रेस के अनुशासन में हूँ। मुझे कांग्रेस के सिद्धांतों में अटूट विश्वास है। जहां तक विधानसभा के अध्यक्ष का सवाल है यहां मैं सदन के सारे पक्षों के प्रतिनिधि के रूप में बैठता हूँ। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  22. विरोधी पक्ष के एक सम्माननीय नेता ने यह कहा कि यह जनतंत्र का संक्रमण काल है। यह सत्य है। मैं केवल यह और जोड़ना चाहता हूँ कि ऐसा ही संक्रमण काल परम्परायें बनाने का गुण होता है। इस समय हमें ऐसी परम्परायें बनाना है जो आगे आने वाली पीढ़ियों को हमारे संविधान के प्रति आदर, निष्ठा और जनतंत्र के प्रति दृढ़ आस्था पैदा करती रहे। मेरा यह विश्वास है कि अध्यक्ष के पद पर बैठकर यदि कोई व्यक्ति किसी प्रकार का पक्षपात करता है तो मेरी दृष्टि में यह संविधान के प्रति पाप करता है। मैं माननीय सदस्यों को यह विश्वास दिलाता हूँ कि जब मैं अध्यक्ष के इस आसन पर बैठता हूँ उस समस मेरे सामने जो स्थिति उत्पन्न होती है उस पर मैं निष्पक्ष रूप से जो निर्णय उचित समझता हूँ लेता हूँ। मुझे इस बात की खुशी है कि मेरे निर्णयों का समर्थन सभी दल के माननीय सदस्यों ने किया है। कांग्रेस पक्ष और उसके माननीय नेता ने मेरे प्रति सदा उदारता का व्यवहार किया है। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  23. मैं पार्टी की बैठकों में भाग न लूं मेंरे इस निर्णय का उन्होंने समर्थन किया है और मेरे कार्य को प्रभावित करने का कभी प्रयत्न नहीं किया। उन्होंने मुझे बहुत बड़ा सहयोग दिया है जिसके लिये मैं उनका कृतज्ञ हूँ। जैसा कि अभी एक माननीय सदस्य ने कहा कि यह संक्रमण काल है इसमें हमकों बड़ी सतर्कता से कार्य करना चाहिये। यह कहते मुझे गर्व होता है कि विधानसभा के सभी पक्षों के माननीय सदस्यों ने अध्यक्ष को पूर्ण सहयोग दिया है जिसके लिये मैं उनका कृतज्ञ हूँ। मुझे विश्वास है कि माननीय सदस्यों ने अभी तक मुझे जो स्नेह, आदर, सम्मान और सहयोग दिया है। वह मुझे भविष्य में भी इसी तरह मिलता रहेगा। मैं एक बार फिर से सदन के सब माननीय सदस्यों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करता हूँ। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  24. श्री काशीप्रसाद पाण्डे चतुर्थ विधानसभाध्यक्ष (1967-72)24.03.1967 से 24.03. 1972) श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला जन्म स्थान-प्रयाग में हुआ। वैवाहिक स्थिति-विवाहित शैक्षणिक योग्यता-एम.ए., एल.एल. बी. सार्वजनिक एवं राजनैतिक जीवन का संक्षिप्त विकास क्रम : अपने परिचितों में ‘काका‘ के लोकप्रिय और आदरणीय संबोधन से पुकारे जाने वाले पाण्डे जी का जीवन एक पत्रकार के रूप में आरम्भ हुआ और कलम के माध्यम से ही आपने राजनीति में प्रवेश किया। सन् 1921 का वर्ष आपके जीवन में एक विशेष महत्व रखता है। इसी वर्ष जहां एक ओर आप जबलपुर जिले के सबसे पुराने सहकारी बैंक-विष्णुदत्त सहकारी अधिकोष सिहोरा के अध्यक्ष मनोनीत हुए, वहीं दूसरी ओर इसी समय से आपको सिहोरा-मुड़वारा निर्वाचन क्षेत्र से पुराने मध्यप्रदेश की तत्कालीन विधान सभा से क्षेत्र के निवासियों के प्रतिनिधित्व का अवसर मिला। तब से अनवरत रूप से ही राजनैतिक संस्था और संगठन कांग्रेस के माध्यम से अपने राज्य की व्यवस्थापिका सभा में अपने क्षेत्र की जनता का विश्वास और आस्था अर्जित कर निर्वाचित हुए। श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  25. नवीन मध्यप्रदेश में भी आप सन् 1972 तक प्रत्येक आम चुनाव में विधान सभा के सदस्य निर्वाचित होते रहे। देश की विधान सभाओं में सबसे अधिक वरिष्ठ सदस्य होने के नाते ही आपको ‘विधान सभा का जनक‘ निरूपित किया जाता रहा और इसी नाते प्रत्येक चुनाव की समाप्ति पर और नवीन सदन के गठन पर राज्यपाल द्वारा आपको शपथ ग्रहण कराई जाती रही और जब विधान सभा का अधिवेशन आरम्भ होता तब प्रथम दिन की कार्यवाही का संचालन करने के लिये और सदस्यों को शपथ दिलाने के लिये अध्यक्ष पद पर आपको ही मनोनीत किया जाता रहा। आपने लगातार तीन विधान सभाओं में सदस्यों को शपथ दिलाई थी। चौथी विधान सभा में आपने दि. 24.03.1967 से 24.03.1972 तक अध्यक्ष पद को सुशोभित किया। युवावस्था से ही आपने कांग्रेस के आन्दोलनों में सक्रिय भाग लिया। सन् 1931 में एक वर्ष के लिये, सन् 1940 में एक वर्ष के लिये तथा 1942 में 2 वर्ष 11 माह के लिये - इस प्रकार तीन बार जेल यात्रा की। आप जिला कांग्रेस कमेटी के अनेको वर्षों तक अध्यक्ष रहे। आप अपने गृह जिले जबलपुर में स्थापित दोनों विश्वविद्यालयों जबलपुर विश्वविद्यालय एवं जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय की सीनेट के सदस्य रहे और राज्य शासन का प्रतिनिधित्व करते रहे। सहकारिता के क्षेत्र में पं. काशीप्रसाद पाण्डे का योगदान जबलपुर और मध्यप्रदेश में सदैव आदर के साथ स्मरण किया जाएगा। अपने गृह नगर सिहोरा स्थित विष्णुदŸा सहकारी अधिकोष के साथ ही साथ आप जबलपुर स्थित मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक के उसकी स्थापना काल से ही अध्यक्ष रहे। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  26. म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन श्री कांशीप्रसाद पाण्डे माननीय सदस्यों, आज मेरी आपने पदोन्नति की है, 47 वर्षो से एक ही स्थान पर बैठा हुआ था, आज इस स्थान को लेकर मुझे प्रसन्नता होना स्वाभाविक ही है। जब मैं 47 वर्ष पहले पहल विधानसभा में आया था उस समय एक मामूली हेड कान्स्टेबिल ने मुझे हाल के अन्दर नहीं घुसने दिया। एक मर्तबा प्रयत्न किया, दो मर्तबा कोशिश की गई नहीं जाने दिया संयोग से अध्यक्ष आ गये तब भीतर जा सका। जब मैं बिलकुल नवजवान था और कालेज से निकल कर ही विधानसभा में गया था। आज जीवन के संध्याकाल में इस पद पर पहुंचा हूँ। इसलिये यह स्वाभाविक ही है कि मुझे इस पर प्रसन्नता होगी। लेकिन जो भार आपने मुझे सौंपा है यह बहुत भारी है और उसका महत्व मैं बहुत अच्छी तरह समझता हूँ। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  27. सदन की मर्यादा बनाये रखना बढ़ा कठिन काम है जबकि आज जागरूकता बहुत अधिक है। मेरे मित्र आश्वासन चाहते हैं मैं 47 वर्ष से लगातार जिस भावना से मर्यादा पालन करने के लिये पूर्ण सहयोग देता रहा हूँ आज फिर मैं विश्वास दिलाता हूँ जिसके लिए सारा का सारा जीवन लगा दिया क्या मैं उस सिद्धान्त से हट जाऊंगा? ऐसा कभी नहीं हो सकता। यदि माननीय सदस्यों का सहयोग मुझे प्राप्त होता रहा तो मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि आपकी कोई शिकायत मेरे संबंध में नहीं मिलेगी। मेरा काम और भी कठिन इस कारण से हो गया है कि मेरे पूर्व जो माननीय सदस्य इस पद पर आसीन थे उन्होंने बहुत उच्च परम्परायें कायम कर रखी हैं। इस बात को मानना पड़ेगा कि 15 वर्षो के भीतर आदरणीय दुबेजी ने जिन सिद्धान्तों पर इस भवन का संचालन किया है वह अत्यंत प्रशंसा की चीज है। 15 वर्षो का यह समय कोई छोटा-मोटा समय नहीं था। मैं उनके ही पद चिन्हों पर चलने का प्रयत्न करूंगा। चल सकूंगा कि नहीं, यह मैं नहीं कह सकता लेकिन आदर्श मेरे सामने दुबेजी का ही रहने वालाल है। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  28. मैं एक बात और कहूंगा, मैं भारतीय संस्कृति में पढ़ा हुआ व्यक्ति हूं और जो कालेज के समय में एक महापुरूष से मैंने सीखा था वह यह था और यह भतृहरि शतक का श्लोक है :- निन्दन्तु नीति निपुणा यदि वा स्तुवन्तु, लक्ष्मीसभाविशतु गच्छतु वा यथेष्टम्, अद्यैव वा मरणमस्तु युगान्तरेवा, न्यायात् पथः प्रविचलन्ति पदं न धीराः ।। अर्थात् लक्ष्मी को आना हो आये, जाना हो जाये, मुझे आज मरना हो अभी मरूं या युग के अंत में मरना हो तो मरूं लेकिन जो न्याय का मार्ग है उससे मैं विचलित होने वाला नहीं हूं। मैं समझता हूँ कि भारतीय संस्कृति का इससे अच्छा उदाहरण और नहीं मिल सकता। इसलिये मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं भतृहरि जी ने जो आदेश दिये हैं उसी पर मैं चलता रहूंगा। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  29. श्री तेजलाल टेंभरे • पंचम् विधानसभाध्यक्ष • (1972-77) के प्रथम अध्यक्ष • (25.3.1972 से 10.08.1972) श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला जन्मतिथि-22.02.1913, जन्म स्थान-मौजा देवसगांव तहसील व जिला बालाघाट, शैक्षणिक योग्यता-बी. ए., एल.एल.बी। सार्वजनिक एवं राजनैतिक जीवन का संक्षिप्त विकास क्रम : मौजा देवसगांव तहसील व जिला बालाघाट (म.प्र.) के कृषक परिवार में जन्म दिनांक 22.2.1913, स्नातक की परीक्षा मारिस कालेज नागपुर से सन् 1935 में पास होने के पश्चात् नागपुर विश्वविद्यालय के विधि महाविद्यालय से सन् 1937 में एल.एल.बी। की परीक्षा में प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण। माह जून 1937 से बालाघाट में वकालत करते रहे। सन् 1951 में नागपुर हाईकोर्ट के अधिवक्ता सनद प्राप्त की तथा सन् 1972 तक बालाघाट में ही वकालत करते रहे। सन् 1977 से 1980 तक उच्च न्यायालय जबलपुर में वकालत करते रहे। दिनांक 24 मार्च 1972 को सर्वसम्मति से मध्यप्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष निर्वाचित हुए तथा दिनांक 10 अगस्त 1972 को अध्यक्ष पद से त्याग पत्र दिया। श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  30. दिनांक 15 अगस्त 1972 को ही मंत्री पद की शपथ ली तथा सन् 1975 तक लोक निर्माण विभाग के मंत्री रहे। तत्पश्चात् पंडित श्यामाचरण जी शुक्ल के मंत्रिमण्डल में सन् 1977 तक एक साथ राजस्व, कृषि, सहकारिता एवं खाद्य तथा आपूर्ति मंत्री रहे। जनता पार्टी की सरकार बनने पर 1977 से सन् 1980 तक उच्च न्यायालय जबलपुर में वकालत करते रहे। सन् 1937 से ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य रहे। सन् 1948 से 1953 तक जिला कांग्रेस कमेटी बालाघाट के उपाध्यक्ष रहे तथा 1953 से 1958 तक जिला कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। सन् 1948 में गांधी स्मारक निधि के सचिव रहे। सन् 1952 से 1962 तक तथा 1962 से वर्तमान समय तक मध्यप्रदेश विधान सभा के सदस्य रहते आए। सार्वजनिक क्षेत्र में सर्वप्रथम सन् 1943 में जिला हरिजन संघ के अध्यक्ष के नाते हरिजन सेवा में कार्य किया तत्पश्चात् बालाघाट स्वीपर यूनियन से अध्यक्ष रहकर सेवा कार्य किया। सन् 1945-1948 तक सी. पी. एम. ओ. कम्पनी को भरवेदी खदान मजदूर संघ के सक्रिय कार्यकर्ता रहे। सहकारिता क्षेत्र में काफी लम्बे समय तक कार्य करते रहे। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  31. सन् 1944 से 1972 तक अर्थात् 27 वर्ष तक जिला सहकारी अधिकोष बालाघाट के अध्यक्ष रहे। इसी अवधि में अनेक बार मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अधिकोष जबलपुर के संचालक मंडल में सदस्य रहे। 5 वर्षों तक बालाघाट जिला मार्केटिंग सोसाइटी के मनोनीत अध्यक्ष रहे। जिले में अनेक प्रकार की सहकारी सभाओं के गठन करने का एवं संचालन का भार वहन करने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ। सन् 1953 से 1960 तक जनपद सभा बालाघाट के अध्यक्ष रहे। सन् 1967 से 1972 तक बालाघाट में शासकीय अधिवक्ता रहे। शिक्षा समितियों में अध्यक्ष एवं सदस्य रहकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तथा महिला महाविद्यालय की स्थापना की। राजनीतिक तथा सार्वजनिक जीवन के शुरूआत से ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य रहे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इ) के क्रियाशील सदस्य रहे। दिनांक 18 जून, 1998 को आपका देहावसान हो गया। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  32. म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन श्री तेजलाल टेंभरे मैं बहुत आभारी हूँ आप लोगों का इसलिए कि आप लोगों की बहुत प्रबल इच्छा है और मेरी भी प्रबल इच्छा है कि यह जो हमारा नया सदन का निर्माण हुआ है वह अच्छी और स्वस्थ परम्पराओं का निर्माण करेंगा। इसमें कोई दो मत नहीं है और इसी उद्देश्य से विरोधी दल के नेताओं ने भी मार्गदर्शन किया। माननीय सदन के नेता ने भी मार्गदर्शन किया ळै। मैं आप सबको बहुत धन्यवाद देता हूँ। मैं आज ही कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दूंगा। मैं आप लोगों को धन्यवाद दे रहा था परन्तु यहां बहुत से राजनीतिक दल होने के कारण कुछ बातें बढ़ जाती है। बहुत अच्छा हुआ जो इसके ऊपर काफी प्रकाश डाला गया। मैं समझता हूँ इस बात को कि मैं निर्विरोध निर्वाचित हुआ हूँ। पुनः मैं माननीय सदस्यों का ध्यान इस और आकर्षित करूंगा कि मैं अध्यक्ष हूं। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  33. समस्त सदन का, किसी एक दल का अध्यक्ष नहीं हूं। यह वहुत ही अच्छा हुआ जो आप लोगो ने भी स्पष्टतया मेरे कत्र्तव्यों की ओर संकेत कर दिया। कल मैंने भी आप सबों के साथ ईश्वर के नाम पर विधान के अन्तर्गत जो प्रतिज्ञा ली जानी थी वह ली है। उस प्रतिज्ञा को यदि मैं यह मेरे माननीय सदस्यगण अक्षरशः पालन करें तो हम लोगो ने ईश्वर के नाम पर शपथ ली है। कत्र्तव्यों का पालन निष्ठापूर्वक करने की शपथ जब हमने ली है और यदि हम अपने उन कत्र्तव्यों की ओर जागरूक हैं तो हो सकता है हम गलत कदम कभी नहीं उठा सकेंगे। मैं चाहता हूँ प्रतिज्ञा का पालन पूर्ण रूप से हम सभी मिलकर करें। मैं आपको आश्वासन देता हूं कि जो प्रतिज्ञा मैंने ली है ईश्वर के नाम पर उस प्रतिज्ञा का शततःपालन करूंगा। मुझे प्रसन्नता है कि विरोधी दलों के नेतागणों ने आज यह आश्वासन दिया और आश्वासन न भी देते तो मुझे यह पूर्ण विश्वास था कि वे शासन की नीतियों का रचनात्मक ही विरोध करेंगे। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  34. क्योंकि इतने बड़े सदन पहुंचने के पश्चात् प्रत्येक माननीय सदस्य अपनी जिम्मेदारी और कत्र्तव्यों का पालन निष्ठापूर्वक करने की प्रतिज्ञा लेता है। इसलिये किसी भी माननीय सदस्य ने अपने दिल में कोई संदेह नहीं रखना चाहिये, विरोध भी हो यह स्वस्थ हो, रचनात्मक हो जिसमें शासन अपने कदम जन कल्याण के लिये सही रास्ते से उठा सके। जिस प्रकार आज भाषण हुए हैं, मुझे पूर्ण विश्वास है और आप लोगों ने, माननीय सदस्यों ने, विरोधी दल के नेताओं ने विश्वास दिलाया है कि सदन की कार्यवाही के संचालन में उनका समर्थन, उनका मार्गदर्शन मुझे प्राप्त होता रहेगा। मैं भी अपनी ओर से विश्वास दिलाता हूं कि प्रजातंत्र में जो अच्छी और स्वस्थ परम्पराओं का निर्माण हो चुका है, उनपर मैं अमल करता रहूंगा। इसके अलावा यदि हम और भी नई, अच्छी परम्पराओं का निर्माण कर सकें तो हमारे सदन का गौरव पूरे देश में अवश्य ही होगा। सदन के नेता महोदयों ने जो इच्छा प्रकट की कि हमारे सदन की कार्यवाही इस प्रकार से चले, इस प्रकार की स्वस्थ परम्पराओं का निर्माण हो कि भारतीय गणतंत्र में जितने प्रदेश और प्रदेशों की विधानसभायें हैं। उनमें इस विधानसभा का नाम रोशन हो और यही मंतव्य विरोधी दल के नेतागणों और विरोधी दल के सदस्यों का भी है। मुझे पुरा विश्वास है कि हमस ब मिलकर इस सदन की प्रतिष्ठा तथा गौरव को ऊंचा उठाये रहेंगे। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  35. बहुत सी बातें और भी मेरे प्रति, सदन के प्रति, मेरे कत्र्तव्यों के प्रति कही गई। बारीकी से सभी बातों का उत्तर देना मेरे लिये बड़ा कठिन है। यदि किसी बात का मेरे भाषण में प्रतिउत्तर न आ सका हो तो मुझे क्षमा करेंगे। मैं हालांकि अध्यक्ष इस नाम से संबोधित होता रहूंगा परन्तु मैं यह विश्वास दिलाता हूँ कि मैं इस सदन के छोटे से सेवक के रूप में काम करता रहूंगा। मैं पुनः माननीय सदस्यों को, सदन के नेता महोदय को, विरोधी दल के नेता महोदय को और सभी माननीय सदस्यों को धन्यवाद देता हूँ और अपना भाषण समाप्त करता हूँ। जयहिन्द श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  36. श्री गुलशेर अहमद • पंचम् विधानसभाध्यक्ष • (1972-77) के द्वितीय अध्यक्ष • 14.8.1972 से 14.7.1977) श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला जन्मतिथि - सन् 1921 वैवाहिक स्थिति – विवाहित, पत्नी का नाम - श्रीमती बतून फातमा, शैक्षणिक योग्यता - बी.ए., एल-एल. बी., बैरिस्टर - एट - ला सन् 1972 के आम चुनाव में विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए। दिनांक 14 अगस्त, 1972 से 14 जुलाई 1977 तक मध्यप्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष रहे। सन् 1980 के आम चुनाव में लोक सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। आप अखिल भारतीय कांग्रेस (आई) अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष तथा दरगाह शरीफ अजमेर की समिति के सदस्य रहे। आपने संयुक्त राष्ट्र संघ के भारतीय प्रतिनिधि मण्डल के सदस्य के रूप में न्यूयार्क (अमेरिका) तथा अन्य देशों की यात्रा की। श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  37. लोकसभा सदस्य के रूप में नियम समिति, विधि, न्याय तथा कम्पनी कार्य की सलाहकार समिति के सदस्य रहे। इसके अलावा लाभ के पदों सम्बन्धी संयुक्त समिति के सभापति एवं अतिरिक्त पैनल चेयरमैन के भी सदस्य रहे। आप 30 जून, 1993 से नवंबर, 1993 तक हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रहे। आप महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट के कुलपति रहे। दिनांक 20 मई, 2002 को आपका देहावसान हो गया। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  38. म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन श्री गुलशेर अहमद माननीय सदस्यों, मैं आप हजरात ने मेरे बारे में जो कुछ कहा है शायद मैं उसके लायक नहीं हूं। मैं न तो विद्वान हूं और न इतना अनुभवी हूं। यह आपका इखलाक और मुहब्बत का नतीजा है कि आप हजरात ने मेरे बारे में इतनी उम्दा उम्दा बातें कही हैं। यह जरूर है कि कुछ सीखा है, बहुत कुछ सीखना है। आदमी जिन्दगीभर सीखता है। शायद अभी सीखने का जहां तक ताल्लुक है यदि आप इजाजत दे तो मैं कह सकता हूं कि अभी मेरा बचपन है। मैं आपको यकीन दिलाना चाहता हूं कि मैं भरसक कोशिश करूंगा कि इस सदन की गरिमा को, इसकी शान को, इसकी इज्जत को हमेशा बरकरार रखें और आपसे भी यह उम्मीद करूंगा कि आप मेरा पूरा-पूरा सहयोग देंगे। बगैर आपके सहयोग के, बगैर आपके कोआपरेशन के, मैं इस सदन की मर्यादा, इसकी शान को, इसकी इज्जत को हमेशा बरकरार नहीं रख सकता हूं। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  39. यह सच है कि जैसा कि मैरे लायक दोस्तों ने कहा है कि मुझमें शीतलता है। मगर साथ-साथ मैं यह भी बता दूं कि मेरा नाम गुलशेर अहमद है। जब वक्त आता है तो मेरा नाम क्या है, गुल और शेर। सोच समझकर नाम रखा गया है। शेर शरीफ जानवर होता है। मगर जब उसके चोट लगती है तो वह सही मायने में शेर बन जाता है। तो मैं सही मायने में यह बताना चाहता हूं कि मैं जख्मी होकर चोट खाकर हो सकता है कि मैं आपके साथ सख्ती करूं। मैं कोशिश करूंगा कि आपको कोई मेरी तरफ से तकलीफ न पहुंचे। जहां तक मेरे कांग्रेस छोडने का ताल्लुक है। मैं पहले से ही तय कर चुका हूं। मैं आल इंडिया कांग्रेस का मेम्बर हूं। मैं उससे भी इस्तीफा दे दूंगा। और मैं एडहॉक कमेटी का मेंबर हूं मैं उससे भी इस्तीफा दे दूंगा। और प्रांतीय कांगे्रस कमेटी का भी मेंबर हूं उससे भी मैं इस्तीफा दे दूंगा। मैं खासतौर से अपने अपोजीशन के मेंबरान से यह निवदेन करूंगा कि उनके कोआपरेशन की मुझे निहायत ही जरूरत है। उनका कोआपरेशन यदि मुझे मिलता रहेगा। तो विधानसभा की कार्यवाही का निहायत उम्दा तरीके से संचालन कर सकूंगा। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  40. यहां बैठकर जो कार्यवाही चली है उसे सारी दुनिया सुनती और देखती है। हम और आप यहां एक पवित्र मंदिर में बैठे हैं। और आज प्रदेश की जनता ने हम पर और आप पर यह जिम्मेदारी डाली है कि देश की और समाज की तरक्की होनी चाहिए। यह एक गंभीर मसला है। इस सारी बातों को देखकर सभी माननीय सदस्यों को विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेना चाहिए। और मैं आशा करता हूं कि सभी मेंबरान यह सारी बातें महसूस करते हुए इस सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने की कोशिश करेंगे। मैंने अक्सर देखा है यहां पर हमारे क्षेत्र के लोग भी आते हैं। और गैलरी में बैठकर विधानसभा की कार्यवाही को देखते है। जब मैं उनके पास जाता हूँ कि वे कहते हैं कि साहब आप विधानसभा में बैठकर कैसी कैसी बातें करते हैं? होता क्या है कभी कभी कोई-कोई मेंबरान यहां ऐसी बातें कह जाते है जो उचित नहीं होती। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  41. तो आप मेहरबानी करके ऐसी कोई बात नहीं करेंगे, ताकि आप पर और हम पर जनता हंस न सकें। आखिर आप ने कंटैम्प्ट आफ कोर्ट क्यों बना रखा है वह इसीलिये है ताकि ऐसी कोई बातें न हो सके। और बाहर के लोग जो यहां आते हैं वे मजाक न उड़ा सके। अन्त में सारे माननीय सदस्य का जिन्होंने मेरे बारे में बातें कहीं हैं मैं उनका शुक्रिया अदा करता हॅं और आशा करता हूं और उम्मीद करता हूं कि इस सदन की कार्यवाही चलाने में वे खासतौर से मुझे सहयोग करेंगे। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  42. श्री मुकुन्द नेवालकर • षष्टम् विधानसभाध्यक्ष (1977-80) • (15.7.1977 से 02.07.1980) श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला जन्मतिथि-15.01.1922 वैवाहिक स्थिति - विवाहित पत्नी का नाम - श्रीमती मन्दाकिनी नेवालकर शैक्षणिक योग्यता-बी.ए.,एल-एल. बी. सार्वजनिक एवं राजनैतिक जीवन का संक्षिप्त विकास क्रम : छतरपुर में वकालत करते रहे। सन् 1942 में ‘क्विट इंडिया‘ तथा ‘करो या मरो‘ आन्दोलन में भाग लिया। नौगांव से सिविल अस्पताल हटाने के बाद वहां टी. बी. क्लीनिक की स्थापना कराने हेतु जन आन्दोलन का संचालन किया तथा स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेते हुए जेल गये। छतरपुर जिला जनसंघ के 8 वर्ष तक अध्यक्ष रहे। जुलाई 1955 से जुलाई 1964 तक म्युनिसिपल बोर्ड के सभापति रहे। श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  43. कॉस्मोपालिटन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक अफेयर्स के मुख्य संरक्षक, अखिल भारतीय बैनर्जी मेमोरियल फुटबाल टूर्नामेन्ट छतरपुर तथा अखिल भारतीय राजमाता बैडमिंटन टूर्नामेंट छतरपुर के संरक्षक, नौगांव मेला सप्ताह, नौगांव के संरक्षक। मध्यप्रदेश भोपाल में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की ओल्ड बॉयज एसोसियेशन के अध्यक्ष। आपातकाल (1975-76) में मीसा के तहत गिरफ्तार होकर छतरपुर जेल में 19 महीने 3 दिन रहे। सन् 1977 में विधान सभा सदस्य निर्वाचित हुए। 2 जुलाई 1977 को राज्यमंत्री बने। 15 जुलाई, 1977 से 2 जुलाई, 1980 तक मध्यप्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष रहे। दिनांक 5.11.2000 को आपका देहावसान हो गया। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  44. म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन श्री मुकुंद सखाराम नेवालकर सदन के माननीय नेता, विरोधी दल के माननीय नेता और सदस्यगण। आप सबने सम्मति से मुझे इस सदन की अध्यक्षता करने के लिये अध्यक्ष चुना है , इसके लिये मैं आप सभी का आभारी हूं। यह एक बहुत बड़ा उत्तरदायित्व है और हमारे माननीय सदस्यगणों ने बहुत अपेक्षायें की हैं। इस सदन की गरिमा, गौरव, प्रतिष्ठा और मर्यादा बनाये रखने की जिम्मेदारी मेरे ऊपर सौंपी गई है। मैं अपेक्षा करता हूं कि इन गुणों को कायम रखने के लिए, इनको प्रतिष्ठित करने के लिए यदि सदन के सभी माननीय सदस्यों का सहयोग मुझे प्राप्त होता रहा तो निश्चित रूप से मुझे इस बात का विश्वास है कि आप सबके सहयोग से इस सदन की गरिमा, गौरव, प्रतिष्ठा और मर्यादा कायम रहेगी। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  45. अध्यक्ष होने के नाते और निष्पक्ष रूप से संपूर्ण कार्यवाही हो और उसका संपादन भी भली प्रकार हो यह आवश्यक हो जाता है कि मैं किसी राजनैतिक दल से किसी प्रकार का कोई संबंध न रखूं इस बात की याद हमारे विरोधीदल के माननीय नेता ने मुझे दिलाई है और यह बात पहले से भी मेरे ध्यान में थी इसलिए जब तक मैं इस सदन का अध्यक्ष हूं मैं जनता पार्टी से जिसका कि पूर्व में सदस्य था, आज से त्यागपत्र देता हूं और इस बात का विश्वास दिलाता हूँ कि आपके सहयोग से इस सदन की गरिमा और प्रतिष्ठा, निरन्तर मेरे कार्यकाल में कायम रहेगी। इसके अतिरिक्त, मैं एक बार आपसे अपेक्षा करता हूं कि आप सब माननीय सदस्यों का मुझे सहयोग प्राप्त हो। मैं एक बार आप सब माननीय सदस्यों का धन्यवाद देता हूँ। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  46. श्री यज्ञदत्त शर्मा • सप्तम् विधानसभाध्यक्ष • (1980-85) के प्रथम अध्यक्ष • 03.07.1980 से 19.07.1983) श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला जन्मतिथि - 5.4.1930 वैवाहिक स्थिति-विवाहित शैक्षणिक योग्यता - एम.ए., एल-एल. बी., साहित्य रत्नव्यवसाय - वकालत अभिरूचि - अध्ययन सार्वजनिक एवं राजनैतिक जीवन का संक्षिप्त विकास क्रमः छात्र जीवन में छात्र नेता तथा महाविद्यालय संसद् के महत्वपूर्ण पदों पर रहे। सन् 1953-54 के ग्वालियर व इंदौर के छात्र आन्दोलनों में छात्रों का नेतृत्व किया। सन् 1957 से वकालत प्रारम्भ की। वकालत में फौजदारी मुकद्दमों में चोटी के वकीलों में गणना। 23 वर्ष का वकालत का अनुभव। सन् 1958 में इंदौर नगर निगम के सदस्य के रूप में राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश किया। नागरिक समिति के संगठक तथा बाद में संयोजक रहे। सन् 1965 में नवनि़र्वाचित नगर निगम परिषद् में एल्डरमैन निर्वाचित हुए तथा विपक्ष के नेता रहे। श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  47. सन् 1966 में मंहगाई विरोधी आंदोलन में भाग लिया और जेल यात्रा की। सन् 1967 में स्थानीय संस्था नागरिक समिति के चुनाव चिन्ह से विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। तत्पश्चात् यह संस्था कांग्रेस में सम्मिलित हो गई। चतुर्थ विधान सभा की अवधि में प्राक्कलन तथा प्रत्यायुक्त विधान समितियों के सभापति और चुंगी जांच समिति एवं मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय एकीकरण अधिनियम के लिए गठित प्रवर समिति के सदस्य रहे। सन् 1967 से 1972 की अवधि में टेलीफोन सलाहकार समिति इंदौर, तत्पश्चात् मध्यप्रदेश सर्किल जेड,आर. यू. सी. सी. वेस्टर्न रेल्वे, इंदौर विश्वविद्यालय कोर्ट और कार्यकारिणी समिति तथा नगर सुधार न्यास, इंदौर के सदस्य रहे। मध्यप्रदेश नेशनल फोरम ऑफलायर्स तथा कानूनी सहायता, मध्यप्रदेश बैंच के महामंत्री। गरीबों को निःशुल्क कानूनी सहायता देने संबंधी सलाहकार समिति, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, इंदौर बैंच के संयोजक, जूनियर एडवोकेट्स को प्रशिक्षण देने संबंधी स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  48. गरीबों को निःशुल्क कानूनी सहायता देने संबंधी सलाहकार समिति, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, इंदौर बैंच के संयोजक, जूनियर एडवोकेट्स को प्रशिक्षण देने संबंधी स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य। सन् 1977 में विधान सभा के पुनः सदस्य निर्वाचित हुए। सन् 1980 में कांग्रेस (इ) के प्रत्याशी के रूप में इंदौर-4 से विधान सभा के पुनः सदस्य निर्वाचित हुए तथा दिनांक 3. 7. 1980 को सर्वसम्मति से विधान सभा के अध्यक्ष चुने गए। दिनांक 19. 8. 1980 को विधान सभा में की गई अपनी घोषणा के अनुसार आपने कांग्रेस (इ) विधायक दल की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। आप दिनांक 19. 7. 1983 तक अध्यक्ष रहे। आपने मारीशस, जांबिया, केनिया, श्रीलंका, फिजी, चीन, हांगकांग, जापान, आस्ट्रेलिया तथा बैंकाक की यात्राएं की। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

  49. म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन श्री यज्ञदत्त शर्मा माननीय सदन के नेता अर्जुन सिंह जी, माननीय विरोधी पक्ष के नेता श्री पटवाजी एवं सदस्यगण यह मेरे लिये निश्चय ही एक नया अनुभव है कि मैं इस आसंदी पर आकर बैठा हूँ। मेरे मस्तिष्क में कई बार यह भावना उठी कि क्या वास्तव में मैं यह सारी जिम्मेदारी निभाने में सक्षम हो सकूंगा जो कि आज आपने मुझे सौंपी हैं। लेकिन जब मैं आपके इस सहयोग की तरफ देखता हूँ तो ऐसा लगता है कि जब आपका पूरा-पूरा सहयोग मुझे मिलेगा और मैं निश्चय ही अपनी जिम्मेदारी निभाने में सफल हो सकूंगा। मैं पहले एक सदस्य रहा और आप के बीच में ही से यहां आकर बैठा हूं तो इससे आप इस भ्रम में न रहे कि मैं संविधान की सभी बारीकियों को समझ गया हूँ। श्रीपं. कुंजीलाल दुबे श्री रामकिशोर शुक्ला श्री काशीप्रसाद पाण्डे श्री राजेन्द्र शुक्ल श्री तेजलाल टेंभरे श्री बृजमोहन मिश्रा श्री गुलशेर अहमद श्री श्रीनिवास तिवारी श्री मुकुन्द नेवालकर श्री ईश्वरदास रोहाणी श्री यज्ञदत्त शर्मा म.प्र. विधानसभाध्यक्ष का प्रथम उद्बोधन म.प्र. विधानसभा की सभापतीय प्रमुख व्यवस्थायें म.प्र. विधानसभाध्यक्ष एक नजर में www.mppost.org www.mppost.com

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