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अडानी गोड्डा प्लांट से आत्मनिर्भर बना भारत
डानी ग्रुप आज देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कड़े प्रयास कर रहा है। देश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए अडानी ग्रुप द्वारा विभिन्न उद्योग चलाए जा रहे हैं। अडानी पॉवर लिमिटेड भी इसी का एक हिस्सा है जिसके अंतर्गत आज देश के अलग अलग प्रांतों में संचालित किए जा रहे हैं।
झारखंड राज्य के गोड्डा जिले में स्थित अडानी पॉवर लिमिटेड का अडानी पॉवर झारखण्ड लिमिटेड (एपीजेएल) प्लांट आत्मनिर्भर बनते भारत का सूचक है। • अत्याधुनिक तकनीकों से निर्मित अडानी गोड्डा प्लांट द्वारा बांग्लादेश को बिजली निर्यात की जा रही है। अडानी गोड्डा प्लांट में अडानी ग्रुप द्वारा प्रदुषण प्रबंधन के लिए सभी इंतजाम है जो इस प्लांट को और विशेष और उदाहरणात्मक बनाते हैं
अडानी गोड्डा से बांग्लादेश की आर्थिक गतिविधियाँ हुई सुगम झारखण्ड राज्य के गोड्डा जिले में 700 एकड़ क्षेत्र में फैले अडानी गोड्डा प्लांट में 800 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता की दो यूनिट है जिनसे बांग्लादेश को बिजली निर्यात की जा रही है। 16 हज़ार करोड़ के बजट से निर्मित अडानी गोड्डा प्लांट में गैस डी-सुल्फ्युराइज़र(एफजीडी) एवं सेलेक्टिव कैटेलिटिक रीकन्वर्टर (एससीआर) जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है जिससे प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
बांग्लादेश पॉवर डेवलपमेंट बोर्ड (बीपीडीबी) एवं अडानी ग्रुप के बेच तय हुए पॉवर परचेस एग्रीमेंट के आने वाले 25 वर्षों तक बांग्लादेश को अडानी गोड्डा प्लांट से बिजली निर्यात की जाएगी। अडानी ग्रुप द्वारा इस एग्रीमेंट को जिम्मेदारी के साथ पूरा करने के लिए अडानी गोड्डा को वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी के साथ अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर प्लांट (युएससीटीपीपी) के तौर पर डेवलप किया गया है।