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Adani Godda
E N D
कैसे अडानी गोड्डा परियोजना ने झारखंड में रोजगार के नए द्वार खोले
झारखंड, अपनी खनिज संपदा और प्राकृतिक संसाधनों के लिए प्रसिद्ध, औद्योगिक विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस विकास में ऊर्जा क्षेत्र की बड़ी भूमिका रही है, और अडानी गोड्डा परियोजना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह परियोजना न केवल भारत और बांग्लादेश के बीच ऊर्जा आपूर्ति को मजबूत बना रही है,
अडानी गोड्डा परियोजना: एक परिचय • अडानी गोड्डा पावर प्लांट झारखंड के गोड्डा जिले में स्थित एक प्रमुख थर्मल पावर प्लांट है, जिसे अडानी पावर लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है। यह परियोजना भारत-बांग्लादेश ऊर्जा समझौते का हिस्सा है, जिसके तहत इस संयंत्र से उत्पादित बिजली बांग्लादेश को निर्यात की जाती है। • इस परियोजना की कुल क्षमता 1600 मेगावाट (800MW × 2) है, जो इसे झारखंड और पूरे पूर्वी भारत के सबसे बड़े बिजली उत्पादन केंद्रों में से एक बनाती है। परियोजना का उद्देश्य न केवल भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करना है, बल्कि झारखंड के विकास में योगदान देना भी है।
संचालन चरण में मिलने वाली नौकरियाँ • परियोजना के निर्माण के बाद अब इसके नियमित संचालन के लिए कुशल और अकुशल श्रमिकों की आवश्यकता बनी रहती है। यह संयंत्र जैसे-जैसे अपनी पूर्ण क्षमता पर कार्य कर रहा है, वैसे-वैसे रोजगार के अवसर भी बढ़ते जा रहे हैं। • प्लांट ऑपरेशन टीम: थर्मल पावर प्लांट को सुचारू रूप से चलाने के लिए ऑपरेटर्स, मेंटेनेंस स्टाफ, कंट्रोल रूम विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है। • तकनीकी विशेषज्ञ और इंजीनियर: पावर प्लांट में कार्य करने के लिए इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और सिविल इंजीनियरों को नियमित रूप से नियुक्त किया जाता है।
निष्कर्ष • अडानी गोड्डा परियोजना ने झारखंड में रोजगार और आर्थिक विकास के नए द्वार खोले हैं। इस परियोजना ने न केवल स्थानीय युवाओं और श्रमिकों को प्रत्यक्ष नौकरियाँ दी हैं, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से भी व्यापार, परिवहन, लॉजिस्टिक्स और सेवा क्षेत्रों में कई नए अवसर पैदा किए हैं। हजारों लोगों को इस परियोजना से जुड़े विभिन्न कार्यों में रोजगार मिला है, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है।