E N D
अडानी हसदेव वन मामला फिर से चर्चा में
अडानी ग्रुप एवं अन्य बिजली निर्माण कंपनियों द्वारा बिजली उत्पादन के सुद्देश्य से देश के अलग अलग हिस्सों में कोयला खनन कार्य किया जा रहा है। राजस्थान राज्य विद्युत निगम लिमिटेड के अंतर्गत अडानी ग्रुप द्वारा भी छत्तीसगढ़ राज्य के हसदेव अरण्य वन में सभी सरकारी अनुमतियों के माध्यम से इसी प्रकार का कोयला खनन कार्य किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य वन में की जा रही कोल माइनिंग पूर्ण रूप से सरकार की अनुमति द्वारा हो रही है। राजस्थान राज्य विद्युत निगम लिमिटेड के लिए अडानी ग्रुप द्वारा बिजली निर्माण के लिए यह कोयला खनन का कार्य किया जा रहा है। साथ ही राजस्थान राज्य विद्युत निगम लिमिटेड एवं अडानी ग्रुप बिजली उत्पादन हेतु सौर ऊर्जा के विकल्प के लिए भी काम कर रहे हैं। परन्तु सरकार और अडानी ग्रुप के विरोधियों द्वारा स्थानीय लोगों को जरिया बनाकर अडानी हसदेव मामले के माध्यम से इसका अडानी ग्रुप का विरोध किया जाता रहा हैं
वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के नए नियमों की जानकारी देते हुए स्थानीय शासन और अधिकारीयों द्वारा हसदेव वन से पंचायत को यह विश्वास दिलाया कि कोयला खनन के दौरान पर्यावरण संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास जाएंगे और नियमों का सख्ती से पालन होगा। हसदेव अरण्य वन क्षेत्र में राजस्थान राज्य विद्युत निगम लिमिटेड को बिजली उत्पादन के उद्देश्य से कोयला खदान का आवंटन किया गया था जिसके बाद राजस्थान सरकार ने इसकी जिम्मेदारी अडानी ग्रुप को सौंपी थी जिसके अंतर्गत सरकार के सभी नियमों का पालन करते हुए अडानी ग्रुप द्वारा माइनिंग एक्टिविटी की जा रही है।