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अविपत्तिकर चूर्ण कब और कैसे लें? | फायदे, मात्रा और सावधानियाँ
परिचय: आजकल खराब खानपान और तनाव के कारण पेट से जुड़ी समस्याएं बहुत आम हो गई हैं। कई लोगों को गैस, कब्ज, पेट में जलन और खट्टी डकारें जैसी दिक्कतें होती हैं। इन समस्याओं में आयुर्वेद में अविपत्तिकर चूर्ण को बहुत असरदार माना गया है। यह एक हर्बल पाउडर है जो पेट को ठंडक देता है और पाचन को सही करता है।
अविपत्तिकर चूर्ण क्या है? अविपत्तिकर चूर्ण एक आयुर्वेदिक दवा है जो पाउडर (चूर्ण) के रूप में आती है। यह कई तरह की औषधीय जड़ी-बूटियों को मिलाकर बनाया जाता है। इसका मुख्य काम पाचन तंत्र को मजबूत करना, शरीर की गर्मी को कम करना और एसिडिटी से राहत देना है। इसमें क्या-क्या होता है? इस चूर्ण में बहुत सी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ मिलाई जाती हैं। जैसे - त्रिफला (हरड़, बहेड़ा, आंवला), सौंठ, पीपली, काली मिर्च, इलायची, तेजपत्ता, मिश्री, विदंग और गुलाब की पंखुड़ियाँ। हर एक सामग्री का अलग फायदा है –त्रिफला कब्ज मिटाता है, सौंठ गैस हटाती है, इलायची और गुलाब ठंडक देते हैं।
अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे पेट की जलन और एसिडिटी में राहत अगर आपको बार-बार पेट में जलन, खट्टी डकारें या अम्लपित्त की शिकायत रहती है, तो यह चूर्ण बहुत राहत देता है। यह पेट की अंदरूनी गर्मी को शांत करता है। कब्ज और गैस की समस्या में यह चूर्ण पेट साफ करता है और मल को मुलायम बनाता है, जिससे कब्ज नहीं होती। साथ ही गैस भी कम होती है। पाचन शक्ति बढ़ाता है भोजन ठीक से न पचने पर शरीर में कई तरह की समस्याएं होती हैं। यह चूर्ण पाचन अग्नि को तेज करता है जिससे खाना अच्छे से पचता है।
मुंह के छालों में आराम जब पाचन बिगड़ता है, तो मुंह में छाले हो सकते हैं। यह चूर्ण छालों की जलन को भी जल्दी ठीक करता है। पेशाब में जलन से राहत अगर पेट की गर्मी के कारण पेशाब में जलन होती है, तो अविपत्तिकर चूर्ण उसे भी शांत करता है। चूर्ण कब और कैसे लेना चाहिए? आप इसे सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले ले सकते हैं। खासकर अगर पेट में जलन, भारीपन या कब्ज हो तो रात में लेना अच्छा रहता है।
कितनी मात्रा लें? बड़ों के लिए इसकी मात्रा 3 से 5 ग्राम (लगभग 1 छोटा चम्मच) होती है। इसे गुनगुने पानी या दूध के साथ लेना चाहिए। बच्चों को यह डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं देना चाहिए। कामदुधा रस के साथ लेने पर ज्यादा असर अगर जलन या अम्लपित्त की समस्या ज्यादा है, तो इसे कामदुधा रस के साथ लेने से ज्यादा फायदा होता है। दोनों मिलकर पेट को ठंडक और राहत देते हैं। सावधानियाँ क्या रखें? जो महिलाएं गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं, उन्हें बिना सलाह के यह चूर्ण नहीं लेना चाहिए। अगर इसे जरूरत से ज्यादा ले लिया जाए, तो कभी-कभी दस्त लग सकते हैं। अगर कोई पुरानी बीमारी है या आप कोई दूसरी दवा ले रहे हैं, तो पहले डॉक्टर से बात जरूर करें।
कौन-कौन से ब्रांड अच्छे हैं? Vedikroots Avipattikar Churna यह शुद्ध और नेचुरल जड़ी-बूटियों से बना होता है। यह पाचन शक्ति को बेहतर करता है और एसिडिटी से राहत देता है। Vedikroots का यह चूर्ण बिना किसी मिलावट के, GMP सर्टिफाइड होता है। अविपत्तिकर चूर्ण खरीदें: “https://www.vedikroots.com/products/avipattikar-powder” बैद्यनाथ अविपत्तिकर चूर्ण यह पेट की जलन और कब्ज में बहुत पुराना और भरोसेमंद विकल्प है। बड़ी आसानी से मिलता है और असर भी जल्दी करता है।
डाबर अविपत्तिकर चूर्ण यह हल्का और रोज़ाना लेने लायक चूर्ण है। खट्टी डकारें, गैस और पेट फूलना जैसी समस्याओं में आराम देता है। पतंजलि अविपत्तिकर चूर्ण आयुर्वेदिक फार्मूला से बना यह चूर्ण शरीर को ठंडक देता है और भूख भी ठीक करता है। अविपत्तिकर टैबलेट्स अगर आप चूर्ण नहीं खा सकते या सफर में हैं, तो टैबलेट का विकल्प भी अच्छा है। इसका असर भी चूर्ण जैसा ही होता है।
किन समस्याओं में काम आता है? • पेट की जलन और अम्लपित्त • खट्टी डकारें और गैस • कब्ज और पाचन खराबी • मुंह में छाले • पेशाब में जलन • शरीर की गर्मी से होने वाली समस्याएं
चूर्ण के फायदे (ગુજરાતીમાં પણ) • પેટ ની ગરમી અને એસિડ દૂર કરે છે • પાચન તંત્ર સુધારે છે • કબજ અને ગેસ ની સમસ્યામાં ઉપયોગી • યકૃત અને યુરિન પાથ સાફ રાખે છે
FAQs 1. दिन में कितनी बार लें? एक या दो बार – समस्या के अनुसार। 2. क्या रोज लिया जा सकता है? हाँ, लेकिन लंबे समय तक लेने से पहले डॉक्टर से पूछ लें। 3. क्या इससे वजन घटता है? नहीं, लेकिन पेट साफ रहने से सूजन और ब्लोटिंग कम होती है। 4. इसका स्वाद कैसा होता है? इसमें मिश्री और इलायची की वजह से थोड़ा मीठा और सुगंधित स्वाद होता है।
निष्कर्ष अविपत्तिकर चूर्ण एक ऐसा आयुर्वेदिक उपाय है जो पेट की बहुत सारी आम समस्याओं को एक साथ ठीक कर सकता है। अगर आपको बार-बार एसिडिटी, कब्ज, गैस या जलन की शिकायत रहती है, तो आप Vedikroots, बैद्यनाथ, डाबर या पतंजलि जैसे ब्रांड का चूर्ण इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन याद रखिए – कोई भी दवा लेने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।