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Azim Premji Success Story

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Azim Premji Success Story

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Presentation Transcript


  1. Azim Premji: भारत का सबसे बड़ा दानवीरउद्योगपतत दिग्गज सॉफ्टवेयर क ं पनी ववप्रो क े काययकारी चेयरमैन Azim Premji ने अपने को 2019 में ररटायर होने की घोषणा की है। 30 जुलाई 2019 को वह अपने पि से मुक्त हो जायेंगे। उन्होंने परोपकार क े ललए 1.45 लाख करोड़ रूपये (21 बिललयन डॉलर) की संपवि िान िेने की घोषणा करक े यह साबित कर दिया कक पैसा तो हर कोई कमा सकता है लेककन सदियों तक कोई अज़ीम प्रेमजी नहीं िन सकता। अज़ीम प्रेमजी का जीवन शुरूवात से ही इतना आसान नहीं था, शुरूवाती जीवन में उन्होंने कई कदिनाइयों का सामना ककया है। अज़ीम प्रेमजी को बिजनेस क्षेत्र में सफल नेतृत्व कताय और फ ै सले लेकर उसपर अडडग रहने वाला माना जाता है। इस ब्लॉग में जानेंगे Azim Premji की सफलता और व्यक्क्तत्व से जुड़ी कुछ प्रेरणािायक िाते और उनकी कुछ िेहतरीन आितों क े िारे में। अज़ीम प्रेमजी- ददग्गज उद्योगपतत और परोपकारी इंसान Azim Premji दिग्गज सॉफ्टवेयर क ं पनी ववप्रो क े माललक है। वपछले दिनों अज़ीम जी काफी चचाय में थे, कारण- उन्होंने अपनी वसीयत पक्ब्लक क े सामने रखा यानी वसीयत की घोषणा ककया। संभवतः हर इंसान की वसीयत में उसक े िाि उसकी संपवि उसक े िेटे – िेटी या पररवार क े ककसी सिस्य क े नाम पर करने की घोषणा होती है। Azim Premji की वसीयत में परोपकार

  2. क े मि में 1.45 लाख करोड़ रूपये (21 बिललयन डॉलर) की संपवि िान िेने की घोषणा हुई पाई गई। अज़ीम प्रेमजी द्वारा दिया गया िान भारत में ककसी उद्योगपतत या ककसी भी इंसान द्वारा अि तक दिए गए िानों सिसे िड़ा िान है। पपता क े मौत क े बाद कम उम्र में ही संभालना पड़ा कारोबार अज़ीम प्रेमजी स्टेनफोडय यूतनवलसयटी अमेररका से इलेक्क्िकल इंजीतनयररंग में स्नातक है। अजीम प्रेमजी क े वपता िमाय में रहते थे और चावल का कारोिार करते थे।ककनहीं कारणों से प्रेमजी का पररवार भारत में गुजरात क े कच्छ आ गया।पररवार में हाइड्रो जेनरेटेड कुककंग फ ै ट का कारोिार था, जो 29 दिसंिर 1945 को वेस्टनय इंडडया वेक्जटेिल प्रोडक््स लललमटेड क ं पनी क े रृप अक्स्तत्व में आया। अि यह क ं पनी ववप्रो नाम से जानी जाती है। अज़ीम प्रेमजी क े वपता एम.एच प्रेमजी भारत आने क े कुछ समय िाि भारत क े िड़े व्यापारी िन चुक े थे। इसीललए िंटवारे क े वक्त मोहम्मि अली क्जन्ना ने उन्हें पाककस्तान चलकर वहां का ववि मंत्री िनने का प्रस्ताव दिया। इसे प्रेमजी ने िुकरा दिया। िात 11 अगस्त 1966 की है, जि अज़ीम प्रेमजी अमेररका क े स्टेनफोडय यूतनवलसयटी में थे। अज़ीम प्रेमजी क े पास एक फोन आता है। फोन क े िूसरी तरफ उनकी मााँ होती हैं। मााँ उन्हें उनक े वपता की हुई अचानक मौत क े िारे में जानकारी िेती हैं। प्रेमजी क े ललए यह समय िहुत कदिन था क्योंकक अभी अज़ीम प्रेमजी यूतनवलसयटी से पढ़ाई कर रहे थे। पढ़ाई पूरी करक े वापस लौट आये और पाररवाररक कारोिार को आगे िढ़ाने क े ललए लसफ य 21 साल की उम्र में इंडडयन वेस्टनय वेक्जटेिेल प्रोडक्ट क ं पनी ज्वाइन कर ललया। Azim Premji ने गांव से शुरु हुई क ं पनी को पवश्व प्रससद्ध कर ददया अज़ीम प्रेमजी प्रयोग धमी स्वभाव क े हैं। उनको प्रयोग करने में महारत हालसल है। 1965 में उनकी क ं पनी की कीमत लगभग 7 करोड़ रूपये थी।अज़ीम प्रेमजी की क ं पनी तत्कालीन समय क े दहसाि से िहुत िड़ी थी लेककन अज़ीम प्रेमजी ने क ं पनी की नीततयों, तकनीक और प्रोडक्ट क े आधार पर तमाम प्रयोग ककये और क ं पनी को मल्टीनेशनल क ं पनी िनाया। तत्कालीन समय में आईिीएम नाम की क ं पनी का कारोिार क े वल भारत से िाहर होता था िूसरी क ं पनी िनी ववप्रो। ववप्रो क े जररए अज़ीम प्रेमजी ने 1980 में आईटी बिजनेस में किम रखा। 1960 क े िशक में क्जस ववप्रो ग्रुप का रेवेन्यू 20 लाख डॉलर (अि करीि 14 करोड़ रूपए) था, उसने 2017-18 में रेवेन्यू क े मामले में 54,635 करोड़ रूपए का आंकड़ा छू ललया था। यानी

  3. 6 िशक में रेवेन्यू 3,900 गुना िढ़ा है। ववप्रो अि 1।58 लाख करोड़ क े माक े ट क ै प वाली क ं पनी िन चुकी है। सशक्षा क े क्षेत्र में azim premji foundation का है बहुत बड़ा योगदान कारोिाररयों क े िारे में यह कहा जाता है कक हर कारोिारी लसफ य अपना फायिा िेखता है। लेककन अज़ीम प्रेमजी कुछ हटकर हैं। उन्होंने भारत सरकारी लशक्षा व्यवस्था में योगिान क े ललए एक संस्थाAzim Premji foundationक े नाम से स्थावपत ककया।Azim Premji foundation का मकसि सरकारी स्कूलों में िेहतर सुववधाएं और गुणविापरक लशक्षा मुहैया कराना है। Azim Premji foundationिेश क े सात राज्यों में कायय करता है। इन राज्यों में मध्य प्रिेश, छिीसगढ़, उतराखंड, कनायटक, राजस्थान, तेलंगाना, और पुिुच्चेरी शालमल है। फाउंडेशन का काम सरकारी स्कूलों की लशक्षा की क्वॉललटी में सुधार लाना और सिको समान अवसर प्रिान करना है। अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा लशक्षा और सामाक्जक क्षेत्र में टैलंट को िढ़ावा िेने और ररसचय क े ललए िेंगलुरू में Azim Premji university की स्थापना हुई है। Azim Premji university में करीि 1,200 लोग काययरत हैं। सादगी इतनी की पाकक िं ग पाने क े सलए सबसे पहले पहुंचे ऑकिस अज़ीम प्रेमजी की गाड़ी क्जस पाकक िं ग एररया क े खड़ी होती थी एक दिन ककस और कमयचारी ने उसी पाकक िं ग एररया में अपनी गाड़ी खड़ी कर दिया। अगले दिन ऑकफस से सिको एक सकुय लर भेजा गया की अि से उस पाकक िं ग एररया में कोई भी अपनी गाड़ी पाक य नहीं करेगा, जहां पर अज़ीम प्रेमजी की गाड़ी खड़ी होती है। लेककन अज़ीम प्रेमजी ने उस सकुय लर ईमेल का जवाि इस तरह दिया- अगर मुझे वह पाकक िं ग एररया चादहए होगी तो मेरी यह क्जम्मेिारी िनती है की मुझे सिसे पहले ऑकफस आकर उस पाकक िं ग एररया में अपनी गाड़ी पाक य कर सकूाँ । अजीम जि भी क ं पनी क े काम से िाहर जाते हैं तो हमेशा ऑकफस गेस्ट हाउस में ही रूकते हैं। वे इकोनॉमी क्लास में सफर करते हैं। एयरपोटय आने-जाने क े ललए टैक्सी न लमले तो ऑटो से भी चले जाते हैं। Azim premji leadership style

  4. Azim premji leadership style की िात करें तो वह सिको साथ लेकर चलने में ववश्वास रखते हैं। अगर उनका ड्राइवर भी कोई िात िोलता है तो उसकी िातों को वह महत्व िेते हैं। Azim premji leadership style का अंिाजा एक वाकये से लगा सकते हैं- िात 1977 की है। एक इंटरव्यू सुिह 7 िजे शेड्यूल्ड था। क ैं डडडेट इंटरव्यू क े ललए पहुंचा तो िेखा की एक कम उम्र का युवक ऑकफस खोल रहा है, क ैंडडडेट ने समझा यह ऑकफस में काम करने वाला कोई कमयचारी होगा लेककन थोड़ी िेर िाि वही युवक इंटरव्यू ले रहा है। वह युवक प्रेमजी ही थे। इंटरव्यू 12 घंटे चला। इंटरव्यू िेने वाला व्यक्क्त राम नारायण अग्रवाल थे जो वतयमान में ववप्रो की डब्ल्यूईपी सॉल्यूशन्स क े एमडी हैं। अज़ीम प्रेमजी की सफलता और सामाक्जक कायों को कुछ शब्िों में समेटना िहुत मुक्श्कल भरा कायय है। अज़ीम प्रेमजी क े जीवन से जुड़ी प्रेरणािायक िातों क े ललए हमारे साथ जुड़े रहें, हम समय – समय पर प्रेरणािायक व्यक्क्तयों की कहातनयां प्रस्तुत करते रहते हैं। आपको यह लेख पसंि आया? इसे अपने िोस्तों क े साथ भी शेयर करें। बिजनेस से जुड़ी कोई भी नई अपडेट या जानकारी पाने क े ललए हमसेि े सबुक, ट्वीटरऔरसलंक्डनपर भी जुड़े। Visit: https://blog.ziploan.in/hi/azim-premji-success-story/

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